नेहरू के बिना आपकी आइडियोलॉजी भी न होती- इमरान मसूद का पीएम मोदी पर तीखा पलटवार

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पीएम मोदी के बयान का कड़ा जवाब देते हुए नेहरू की विरासत का बचाव किया। उन्होंने कहा कि देश की बुनियाद नेहरू ने रखी थी और आज की राजनीति उन्हीं के विजन पर खड़ी है। मसूद ने बीजेपी पर इतिहास तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया।

Updated : 8 December 2025, 5:52 PM IST
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New Delhi: लोकसभा में सोमवार को वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर विशेष चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिली। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी पर जमकर हमला बोला और पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व व योगदान की जोरदार वकालत की।

सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि देश की बुनियाद पंडित नेहरू ने रखी थी, और आज देश उसी नींव पर खड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार देश की सार्वजनिक संपत्तियों को बेच रही है, जबकि नेहरू ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बुनियाद तैयार की थी। मसूद ने कहा, 'नेहरू जी के ब्लूप्रिंट पर देश खड़ा है, इनके (BJP) बुनियाद पर देश नहीं खड़ा है। ये लोग तो देश बेचने का काम कर रहे हैं।'

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'अगर पंडित जी नहीं होते तो आप भी नहीं होते' - इमरान मसूद

इमरान मसूद ने पीएम मोदी द्वारा सदन में नेहरू पर दिए गए बयानों की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और बीजेपी की राजनीति आज भी नेहरू की विरासत के इर्द-गिर्द घूमती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'पंडित नेहरू दिन-रात इनके सपनों में आते हैं। अगर पंडित जी नहीं होते, तो आप यहां नहीं होते और आपकी आइडियोलॉजी भी नहीं होती।'

उन्होंने आगे कहा कि सरदार पटेल ने भी स्पष्ट रूप से कहा था कि कुछ संगठनों की विचारधारा देश के अनुकूल नहीं है। मसूद ने दावा किया, 'सरदार पटेल ने खुद लिखा था कि अगर वे ज़िंदा होते, तो आपकी आइडियोलॉजी कभी पैदा नहीं होती।' इसके माध्यम से उन्होंने बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों पर निशाना साधा।

'पंडित नेहरू बहुत उदार थे, उनका दिल बड़ा था'

कांग्रेस सांसद ने कहा कि पंडित नेहरू एक उदार, समावेशी और लोकतांत्रिक सोच वाले नेता थे, जिन्होंने सभी विचारधाराओं को साथ लेकर चलने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को शामिल कर समावेशी राजनीति की मिसाल पेश की थी।

मसूद ने कहा, 'पंडित नेहरू ने कहा था कि हमें सबको साथ लेकर चलना है। उन्होंने सभी आइडियोलॉजी को अपनाया। उनका दिल बहुत बड़ा था। उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सरकार में शामिल किया और आप पर से बैन हटाया।'

'जिन्होंने माफी मांगी, वही आज वंदे मातरम् की बात कर रहे हैं'

इमरान मसूद ने वंदे मातरम् के मुद्दे पर बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि हिंदू महासभा ने ही मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकारें बनाईं, जबकि आज वही लोग कांग्रेस और गांधी परिवार पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा, 'जिन्होंने माफी मांगी है, वही आज वंदे मातरम् की बात कर रहे हैं। हिंदू महासभा ने जिन्ना के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, उनके लोग मंत्री बने थे, और आज वे राष्ट्रवाद की दुहाई दे रहे हैं।'

उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी कांग्रेस और गांधी परिवार से डरती है, इसलिए मुद्दों से भटकाने वाली राजनीति करती है। मसूद ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी कभी INC, कभी MNC, कभी पीटीसी-सीटीसी जैसी बातें करते रहते हैं, जिनका कोई मतलब नहीं होता। असल मुद्दों से ध्यान हटाने की राजनीति हो रही है।'

क्या कहा था प्रधानमंत्री मोदी ने?

लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा था कि 1930-40 के दशक में मुस्लिम लीग ने वंदे मातरम् के विरुद्ध अभियान तेज कर दिया था। उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने 15 अक्टूबर 1937 को लखनऊ से वंदे मातरम् के खिलाफ नारा बुलंद किया, और कांग्रेस उस समय दबाव में आ गई थी। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि उस समय के कांग्रेस अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को अपना "सिंहासन डोलता" दिखाई दे रहा था, इसलिए उन्होंने वंदे मातरम् की आलोचना करने की बजाय उसकी पड़ताल शुरू कर दी।

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संसद में बढ़ी राजनीतिक गर्मी

वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित विशेष चर्चा का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना था, लेकिन सदन में इससे जुड़ी बहस सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी राजनीतिक बयानबाजी में बदल गई। इमरान मसूद का बयान कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें वह नेहरू की विरासत को केंद्र में रखकर बीजेपी पर जवाबी हमला करना चाहती है।

सत्र के आगे बढ़ने के साथ यह उम्मीद है कि दोनों ही पक्ष इस मुद्दे पर अपने-अपने ऐतिहासिक तर्क और व्याख्याएं प्रस्तुत करेंगे। हालांकि, इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि स्वतंत्रता आंदोलन, नेहरू की विरासत और वंदे मातरम् जैसे ऐतिहासिक मुद्दे आज भी भारतीय राजनीति के केंद्र में बने हुए हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 8 December 2025, 5:52 PM IST