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संसद के चौथे दिन विपक्षी सांसदों ने वायु प्रदूषण को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं ने स्वास्थ्य पर बढ़ते संकट पर चिंता जताई। संसद में इस मुद्दे पर सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की गई।
वायु प्रदूषण पर विपक्ष का विरोध (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
New Delhi: संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार को चौथे दिन पहुंच गया, और आज विपक्षी सांसदों ने वायु प्रदूषण के बढ़ते संकट को लेकर संसद परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन विशेष रूप से राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में बढ़ते प्रदूषण और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर था। विपक्षी दलों ने कहा कि नागरिकों की जिंदगी को खतरा है और सरकार को तत्काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
सत्र 1 दिसंबर से शुरू हुआ था, लेकिन पहले दो दिन हंगामे में बीत गए। इस दौरान सरकार और विपक्ष के बीच SIR और 'वंदे मातरम' के मुद्दे पर चर्चा के बाद बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में बैठक सुचारू रूप से चली। हालांकि, शीतकालीन सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने फिर से एकजुट होकर वायु प्रदूषण के मुद्दे को उठाया।
Parliament Winter Session 2025 Live: शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन, वायु प्रदूषण पर जोरदार विरोध
विपक्षी दलों की संयुक्त रणनीति के तहत कांग्रेस, द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), समाजवादी पार्टी (सपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना (उबाठा) के सांसदों ने बैठक में भाग लिया और इस मुद्दे पर एक साथ विरोध जताया। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बैठक में भाग नहीं लिया।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 4, 2025
विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि बाहर का हाल बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा, 'जैसा सोनिया जी ने कहा, बच्चे सांस नहीं ले पा रहे हैं। उन्हें टीबी है, और बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। हर साल हालात बदतर होते जा रहे हैं, लेकिन केवल बयानबाज़ी होती है। अब सरकार को ठोस कदम उठाना होगा और हम उनके साथ खड़े हैं। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है कि हम एक-दूसरे पर उंगली उठाएं।'
विपक्षी दलों ने किया हंगामा (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
विपक्षी सांसदों ने कहा कि दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि राजधानी में विशेष रूप से शीतकाल में धुंध और स्मॉग के कारण बच्चों और बुज़ुर्गों को सांस लेने में मुश्किल होती है। विपक्ष ने सरकार से मांग की कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए लंबी अवधि की रणनीति बनाई जाए और ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि नागरिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।
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सांसदों ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में प्रदूषण पर केवल कागज़ों और मीडिया बयानों तक काम हुआ है, लेकिन जमीन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि हर साल प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, और इस पर नजरअंदाज करना जनता की जान के साथ खिलवाड़ जैसा है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने यह भी जोर दिया कि यह कोई राजनीतिक खेल नहीं है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण जैसे मुद्दे में सभी दलों को मिलकर काम करना चाहिए, क्योंकि जनता का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। सांसदों ने सरकार से स्पष्ट कदम उठाने, प्रदूषण मापने और इसे कम करने के लिए कड़े नियम बनाने की मांग की।
इस बीच, संसद परिसर में यह विरोध शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। सांसदों ने अपने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर यह संदेश दिया कि प्रदूषण पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि जल्दी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में वायु प्रदूषण की समस्या और गंभीर हो जाएगी और स्वास्थ्य संकट बढ़ सकता है।