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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर चर्चा शुरू करेंगे। यह राष्ट्रीय गीत आजादी की लड़ाई में अहम था और इसके ऐतिहासिक महत्व पर बात की जाएगी। विपक्ष इसे लेकर बीजेपी पर आरोप लगा रहा है। चर्चा हंगामेदार हो सकती है।
संसद सत्र 2025 लाइव
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सभी विपक्षी दलों से अपील की कि वे 'वंदे मातरम' के 150वें वर्ष के उत्सव में सहमति व्यक्त करें। त्रिवेदी ने कहा, “सभी दलों को राष्ट्रीय विकास और एकता की भावना को मजबूत करने के लिए कट्टरवादी सोच और राजनीति से ऊपर उठकर इस पहल में शामिल होना चाहिए।” प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को लेकर देश भर में उत्सुकता है।
सपा सांसद राजीव राय ने ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर संसद में होने वाली विशेष चर्चा को लेकर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि केवल ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा नहीं, बल्कि उन लोगों पर भी बहस होनी चाहिए जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम का विरोध कर अंग्रेजों को चिट्ठियां लिखीं। राय ने माफी मांगने वालों और सत्ता में बैठे लोगों पर भी निशाना साधा। उनके बयान से संसदीय चर्चा में राजनीतिक बहस तेज होने की संभावना बढ़ गई है।
देशभर में हवाई यात्राओं में अव्यवस्था बढ़ गई है, खासकर इंडिगो एयरलाइन के फ्लाइट कैंसिलेशन की वजह से। हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे। इस गंभीर स्थिति पर अब एक संसदीय पैनल चर्चा कर सकता है, और संसद में भी इस मसले पर बहस हो सकती है।
‘वंदे मातरम्’ पर होने वाली चर्चा के दौरान कांग्रेस की ओर से लोकसभा में आठ नेता वक्तव्य देंगे। इनमें उप लोकसभा नेता गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, बिमोल अकोइजाम, प्रणिति शिंदे, प्रशांत पाडोले, चमाला रेड्डी और ज्योत्स्ना महंत शामिल हैं।
7 नवंबर को ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे हो गए। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत पहली बार 7 नवंबर 1875 को बंगदर्शन पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया और यह राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।
कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उल्का ने लोकसभा में कामकाज स्थगित करने का नोटिस देकर ओडिशा की एक बी.Ed. छात्रा के साथ तिरुपति के राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में हुए यौन उत्पीड़न और धमकी के मामले पर तत्काल चर्चा की मांग की। यह मामला चौंकाने वाला बताया गया है।
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर एक खास चर्चा शुरू करेंगे। यह राष्ट्रीय गीत बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया था और 7 नवंबर 1875 को पहली बार बंगदर्शन पत्रिका में छपा था। इस गाने का आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान था और आज भी इसकी ऐतिहासिक अहमियत है। पीएम मोदी संसद में इस गाने के महत्व और इसकी आज की जरूरत पर भी बात करेंगे। वहीं, विपक्ष ने एनडीए सरकार पर आरोप लगाया है कि वह भारत की आजादी और एकता के प्रतीकों से असहज है।
संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और इस बीच ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा हंगामेदार हो सकती है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस गाने को लेकर अलग-अलग राय सामने आएगी।