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CBI ने जम्मू में ESIC के सामाजिक सुरक्षा अधिकारी को 9,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। अधिकारी ने नोटिस समाप्त करने के बदले रिश्वत मांगी थी। गिरफ्तारी के बाद उसके घर पर छापेमारी जारी है और जांच आगे बढ़ रही है।
भ्रष्टाचार पर CBI का बड़ा एक्शन
New Delhi: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) (जम्मू) के क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय में तैनात सामाजिक सुरक्षा अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी शिकायत के आधार पर बिछाए गए एक ट्रैप ऑपरेशन के दौरान की गई। जिसमें अधिकारी को 9,000 रुपये की अवैध धनराशि स्वीकार करते हुए पकड़ा गया।
CBI ने इस मामले में 17 नवंबर 2025 को शिकायतकर्ता की लिखित शिकायत पर औपचारिक मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार उसकी पत्नी एक निजी फर्म संचालित करती थी, जो काफी समय पहले बंद हो चुकी थी और स्थापना के बाद से किसी भी प्रकार का व्यवसाय नहीं कर रही थी। इसके बावजूद ESIC क्षेत्रीय कार्यालय जम्मू द्वारा ESI Act की धारा 45 के तहत लगातार नोटिस जारी किए जा रहे थे, जिनमें अंशदान न जमा करने के आरोप लगाए गए थे।
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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जब वह मामले के समाधान के लिए सामाजिक सुरक्षा अधिकारी से मिला तो अधिकारी ने फर्म की लंबित कार्यवाही को समाप्त करने के बदले 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता द्वारा विरोध करने और कुछ बातचीत के बाद आरोपी अधिकारी 9,000 रुपये लेने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने तुरंत CBI से संपर्क कर पूरी घटना की जानकारी दी।
CBI की टीम ने शिकायत की पुष्टि करने के बाद 17 नवंबर को ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई। पूर्व निर्धारित स्थान पर जैसे ही आरोपी अधिकारी ने शिकायतकर्ता से 9,000 रुपये की रिश्वत राशि स्वीकार की, CBI टीम ने उसे मौके पर ही रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद मौके से प्रमाणिक सबूत भी एकत्र किए गए। CBI अधिकारियों ने बताया कि रिश्वत की राशि पूर्व-निर्धारित संकेत मिलने के तुरंत बाद आरोपी से बरामद कर ली गई। आरोपी की पहचान ESIC क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय (जम्मू) के एक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के रूप में हुई है।
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गिरफ्तारी के बाद CBI ने आरोपी के आवासीय परिसर पर तलाशी भी शुरू कर दी, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कब्जे में लिए जाने की संभावना है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या आरोपी इसी प्रकार अन्य मामलों में भी रिश्वत वसूली में लिप्त था, और क्या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क सक्रिय है।
CBI ने बताया कि इस मामले की जांच अभी जारी है और आवश्यकता पड़ने पर अन्य ESIC अधिकारियों से भी पूछताछ की जा सकती है। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी अधिकारी पिछले कुछ समय से निजी फर्मों और व्यवसायियों के मामलों में अनियमितताओं के आधार पर दबाव बनाकर धन वसूली कर रहा था।