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सीमांचल में आरजेडी का जनाधार कम होना बैठक में सबसे गंभीर मुद्दों में से एक रहा। तेजस्वी ने नेताओं से पूछा कि क्यों इस क्षेत्र में पार्टी अपनी पकड़ बनाए नहीं रख सकी? पार्टी इस क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर युवा और अल्पसंख्यक मतदाताओं में अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बना रही है।
तेजस्वी यादव
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आज पटना में अहम समीक्षा बैठक की। यह बैठक पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के एक पोलो रोड स्थित सरकारी आवास पर आयोजित हुई, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। करीब चार घंटे चली इस बैठक में चुनावी परिणाम, संगठनात्मक ढांचा, उम्मीदवारों के प्रदर्शन और आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक के बाद सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को राजद विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
बैठक की शुरुआत चुनाव परिणामों के विश्लेषण से हुई। तेजस्वी यादव ने सभी प्रत्याशियों जीतने वाले और हारने वाले दोनों को बुलाया था। हर उम्मीदवार से व्यक्तिगत रूप से फीडबैक लिया गया। तेजस्वी ने हार के कारणों पर खुलकर चर्चा की और पूछा कि किन सीटों पर क्या रणनीतिक चूक हुई, कहां संगठन कमजोर पड़ा और किन क्षेत्रों में जनता तक पार्टी की बात नहीं पहुंच पाई।
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बैठक के बाद राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दावा किया कि चुनाव में EVM का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि जनता के साथ गलत हुआ है। जिस जन समर्थन की उम्मीद थी, नतीजे वैसी तस्वीर नहीं दिखाते। कई सीटों पर वोट पैटर्न संदिग्ध रहा।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि क्या चुनाव परिणामों को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी जाए। राजद नेता रामानुज यादव ने बताया कि हर नेता का व्यक्तिगत रिपोर्ट कार्ड देखा गया और परिणामों पर गहन समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर महागठबंधन के अन्य दलों की सलाह भी ली जाएगी, क्योंकि चुनाव के नतीजों ने गठबंधन को भी बड़ा झटका दिया है।
लालू परिवार के भीतर जारी खींचतान और राजनीतिक हलचल के बीच इस समीक्षा बैठक में लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और सांसद मीसा भारती भी उपस्थित रहीं। इनकी मौजूदगी से बैठक का महत्व और बढ़ गया। सूरजभान सिंह, भाई वीरेंद्र समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी राय रखी।
समीक्षा बैठक के अंत में सभी विधायकों और नेताओं ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुना। यह फैसला पार्टी में उनके नेतृत्व को फिर से मजबूत संकेत देता है। राजद सूत्रों का कहना है कि यह निर्णय आगे की राजनीतिक रणनीति और विधानसभा में पार्टी की भूमिका तय करने में अहम रहेगा।
बैठक का सबसे बड़ा फोकस उन सीटों की समीक्षा पर रहा, जहाँ राजद बेहद कम अंतर से हार गया। जानकारी के अनुसार, पार्टी ने पाया कि सीमांचल क्षेत्र में पार्टी की जड़ें कमजोर हुईं। कई सीटों पर स्थानीय स्तर पर संगठन सक्रिय नहीं था। बूथ स्तर पर प्रबंधन ठीक से नहीं हुआ। मतदान के दिन समन्वय कमजोर रहा। गठबंधन पार्टियों के बीच कई जगह तालमेल नहीं बन पाया।
सीमांचल में RJD का जनाधार कम होना बैठक में सबसे गंभीर मुद्दों में से एक रहा। तेजस्वी ने नेताओं से पूछा कि क्यों इस क्षेत्र में पार्टी अपनी पकड़ बनाए नहीं रख सकी? पार्टी इस क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर युवा और अल्पसंख्यक मतदाताओं में अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बना रही है।