शेख हसीना को सजा-ए-मौत: भारत का आया पहला बयान, बांग्लादेश की स्थिति पर पैनी नजर

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है और सभी हितधारकों से रचनात्मक संवाद जारी रहेगा। बांग्लादेश ने भारत से हसीना और असदुज्जमां खान के तत्काल प्रत्यर्पण की मांग की है, जिससे कूटनीतिक हालात संवेदनशील हो गए हैं।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 17 November 2025, 6:29 PM IST
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New Delhi: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल बांग्लादेश (ICT-BD) द्वारा सुनाई गई मौत की सजा पर भारत ने आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत बांग्लादेश की परिस्थितियों पर करीब से नजर रखे हुए है और देश के नागरिकों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए सभी संबंधित पक्षों से रचनात्मक संवाद जारी रखेगा।

यह बयान उस समय आया है, जब बांग्लादेश सरकार ने सजा सुनाए जाने के बाद भारत से शेख हसीना और उनके सहयोगी तथा पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को तत्काल प्रत्यर्पित करने की मांग की है।

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प्रत्यर्पण पर बांग्लादेश का दावा

ढाका ने भारत को संबोधित करते हुए कहा है कि चूंकि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि मौजूद है, इसलिए हसीना और कमाल को सौंपना भारत की जिम्मेदारी है। बांग्लादेश सरकार ने कहा कि सजा होने के बाद उनका तत्काल प्रत्यर्पण आवश्यक है ताकि अदालत द्वारा आदेशित दंड का पालन कराया जा सके।

बांग्लादेश में तनावपूर्ण हालात

सोमवार को तीन सदस्यीय पीठ द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया। शेख हसीना, जो लंबे समय तक देश की प्रधानमंत्री रहीं, उनके समर्थकों ने फैसले के विरोध में कई शहरों में प्रदर्शन किए।

‘निहत्थे नागरिकों पर समन्वित हिंसा’

ढाका स्थित ICT-BD ने अपने फैसले में कहा कि पिछले साल हुए छात्र विद्रोह के दौरान शेख हसीना पर निर्देशात्मक भूमिका का आरोप सिद्ध होता है। न्यायाधिकरण ने कहा कि उनके नेतृत्व में हुई ‘समन्वित हिंसा’ ने निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाया, जो मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में आता है।

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पूर्व पुलिस महानिरीक्षक बने सरकारी गवाह

इसी केस में पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को पांच साल की कैद की सजा दी गई है। वे हिरासत में हैं और उन्होंने ट्रायल के दौरान अपना अपराध स्वीकार करते हुए सरकारी गवाह बनने का फैसला किया।

भारत के लिए चुनौतीपूर्ण कूटनीतिक स्थिति

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला भारत के लिए कूटनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील है। एक ओर शेख हसीना भारत की करीबी सहयोगी रही हैं और उनके शासन के दौरान भारत-बांग्लादेश संबंधों में उल्लेखनीय मजबूती आई थी। दूसरी ओर बांग्लादेश सरकार का आधिकारिक अनुरोध भारत पर दबाव बना सकता है।

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  • 17 November 2025, 6:29 PM IST