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दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है और एयर क्वालिटी इंडेक्स 600 के पार पहुंच गया है। सरकार ने GRAP 4 लागू कर ट्रकों की एंट्री, निर्माण कार्य और ऑफिस क्षमता पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, वहीं GRAP 1-3 के नियम भी जारी रहेंगे।
दिल्ली NCR में AQI 600 के पार (सोर्स- गूगल)
New Delhi: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 600 के करीब पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक है। ऐसे में प्रशासन ने GRAP 4 (Graded Response Action Plan) लागू कर दिया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत पूरे क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है।
GRAP के अलग-अलग स्तर प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू करते हैं। हर स्तर पर पाबंदियां बढ़ती हैं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय किए जाते हैं।
GRAP-1 में सबसे पहले सड़क किनारे ढाबों और रेस्टोरेंट में कोयला जलाने पर रोक लगती है। खुले में कचरा जलाने पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इस स्तर पर सरकार उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त नियम भी लागू कर सकती है। सामान्य नागरिकों के लिए यह चेतावनी है कि इस स्तर पर खुली आग और कोयले का इस्तेमाल न करें।
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GRAP-2 में प्रदूषण को कम करने के लिए डीजल जनरेटर का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है। इसके अलावा निजी वाहनों की संख्या कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाया जा सकता है।
सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव भी किया जा सकता है। बीएस-04 डीजल वाहनों की NCR में एंट्री पर रोक GRAP-2 में लागू होती है।
GRAP-3 में गैर-जरूरी निर्माण कार्य जैसे मिट्टी की खुदाई और पाइलिंग पर रोक लगाई जाती है। बीएस-03 और बीएस-04 डीजल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध होता है।
स्टोन क्रशर, खनन और अन्य ईंधन से चलने वाले यंत्रों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है। इस स्थिति में कक्षा 1-5 के स्कूलों में छुट्टी घोषित की जा सकती है। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।
GRAP 4 लागू (सोर्स- गूगल)
दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4 लागू होते ही कड़े उपाय शुरू हो गए हैं। इसमें मुख्य रूप से ट्रकों की एंट्री पर रोक लगाई गई है। सिर्फ आवश्यक वस्तुएँ लाने वाले या स्वच्छ ईंधन (LNG/CNG/BS-6 Diesel/Electric) वाले ट्रकों को प्रवेश की अनुमति है।
साथ ही, गैर-आवश्यक हल्के कमर्शियल वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकते। सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ वर्क फ्रॉम ऑफिस आदेश लागू किया जा सकता है। GRAP 1 से 3 के सभी नियम भी इसी स्तर पर लागू रहते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के कई कारण हैं:
1. सर्दियों में कोहरा और धुंध, जो धूल और धुएँ को फंसाता है।
2. आसपास के राज्यों से उड़ती हुई पराली की धुंध।
3. ट्रैफिक और उद्योगों से निकलने वाला धुआँ।
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प्रदूषण का स्तर 300 से ऊपर रहने पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा माना जाता है। AQI 600 का स्तर तो जीवन के लिए बेहद खतरनाक है।
1. घर के अंदर भी हवा साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
2. मास्क पहनें, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग।
3. गैर-जरूरी बाहर निकलने से बचें।
4. GRAP के नियमों का पालन करें, जुर्माना और कानूनी कार्रवाई से बचें।