

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह समझौता सिर्फ कारोबारी वर्ग के लिए ही नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी कई मायनों में अहम होगा। जहां कुछ चीजें सस्ती होंगी, वहीं कुछ महंगी भी हो सकती हैं। आइए समझते हैं इस डील का पूरा प्रभाव।
भारत-यूके फ्री ट्रेड डील
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23-24 जुलाई के दो दिवसीय दौरे पर ब्रिटेन में हैं, जहां भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भारत की केंद्रीय कैबिनेट इस समझौते को पहले ही मंजूरी दे चुकी है और अब पीएम मोदी की मौजूदगी में इस पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। यह समझौता भारत और यूके के बीच व्यापार संबंधों को नई ऊंचाई देगा और इसका असर घरेलू उद्योगों, उपभोक्ताओं और रोजगार के अवसरों पर भी दिखेगा।
क्या होता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA)?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी मुक्त व्यापार समझौता एक ऐसा अनुबंध होता है, जिसमें दो देश आपसी व्यापार में कस्टम ड्यूटी घटा या खत्म कर देते हैं। इसका उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर उत्पाद उपलब्ध कराना होता है। भारत-यूके FTA के अंतर्गत भारत से UK जाने वाले 99% उत्पादों पर टैक्स नहीं लगेगा। भारत, UK से आने वाले 90% सामानों पर टैक्स कम करेगा।
ये चीजें हो सकती हैं सस्ती
1. मोबाइल और लैपटॉप
यूके से आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैक्स में कटौती से गैजेट्स सस्ते हो सकते हैं।
2. कपड़े और फैशन प्रोडक्ट्स
टैक्स में राहत से कपड़े, जूते, बैग आदि की कीमतें गिर सकती हैं।
3. ज्वेलरी और गहने
यूके से आने वाले गहनों पर कस्टम ड्यूटी में कमी से आम लोगों को फायदा हो सकता है।
4. चमड़े के उत्पाद
लेदर बैग, जैकेट और शूज़ जैसी चीजें किफायती कीमतों पर मिल सकती हैं।
दवाओं की कीमतों पर मिला-जुला असर
भारत और यूके के बीच दवा व्यापार दोतरफा है। इस समझौते के बाद कुछ दवाइयों की कीमतें घट सकती हैं। कुछ दवाइयों पर कीमतें बढ़ने की संभावना भी है। यह इस पर निर्भर करेगा कि कौन-सी दवा पर कितना टैरिफ घटाया जाता है।
क्या हो सकता है महंगा?
1. हाई-एंड कार और बाइक
यूके से आने वाली लग्जरी गाड़ियों पर टैक्स छूट सीमित रहेगी, जिससे इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं।
2. मेटल और स्टील प्रोडक्ट्स
यूके के हाई-क्वालिटी मेटल को भारत में जगह मिलने से घरेलू उद्योगों पर असर पड़ सकता है, जिससे कीमतों में वृद्धि की आशंका है।
कृषि क्षेत्र को राहत नहीं
भारत सरकार ने धान, गेहूं जैसे कृषि उत्पादों पर टैक्स छूट नहीं दी है। इसका उद्देश्य है कि घरेलू किसानों के हितों की रक्षा की जाए। यानी इस क्षेत्र को फिलहाल FTA से कोई सीधा फायदा नहीं मिलेगा।
रोजगार के नए अवसर खोल सकती है डील
FTA से भारत के मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, मरीन और ज्वेलरी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। यूके के बड़े बाजार तक सीधी पहुंच मिलने से एक्सपोर्ट बढ़ेगा, जिससे नई नौकरियों के मौके भी सामने आएंगे।
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