

मानसून के मौसम में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। ऐसे में फल चुनते समय सावधानी जरूरी है। केला और सेब दोनों ही फायदेमंद होते हैं, लेकिन बरसात में कौन-सा फल ज्यादा सुरक्षित और पाचन के लिए बेहतर है? विशेषज्ञों की राय के साथ जानिए पूरी जानकारी।
केला और सेब दोनों ही फायदेमंद
New Delhi: मानसून का मौसम जहां ठंडक और ताजगी लेकर आता है, वहीं यह शरीर के पाचन तंत्र के लिए एक चुनौती भी बन जाता है। इस मौसम में हमारा मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और पाचन अग्नि मंद पड़ जाती है। ऐसे में खान-पान विशेष सावधानी से करना जरूरी होता है, खासकर जब बात फलों की हो।
केला और सेब दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर फल हैं। लेकिन बरसात में कौन-सा फल शरीर के लिए ज्यादा अनुकूल है, यह जानना जरूरी है। डॉक्टर के अनुसार, केला एक एनर्जी बूस्टर है, लेकिन इसकी प्रकृति भारी और ठंडी होती है, जिससे इसे पचाना मुश्किल हो सकता है। जबकि सेब हल्का, फाइबर युक्त और पाचन के लिए अधिक उपयुक्त है।
आयुर्वेद के अनुसार, मानसून के दौरान कफ दोष बढ़ जाता है। ऐसे में कफ बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। केला कफवर्धक होता है, जिससे सर्दी-खांसी, पेट फूलना और बलगम की समस्या हो सकती है। वहीं सेब शरीर में गर्मी पैदा करता है और पाचन को मजबूत करता है।
बरसात में कौन-सा फल ज्यादा सुरक्षित
सेब में मौजूद पेक्टिन नामक फाइबर पाचन तंत्र को सुचारु बनाए रखने में सहायक होता है। इसका नियमित सेवन शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ संक्रमण से भी बचाता है। मानसून में सेब का सेवन छिलके समेत करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसके छिलके में भी भरपूर पोषक तत्व होते हैं। हल्का गर्म करके खाना ठंड से बचाव में मदद करता है।
यदि आप केला खाना ही चाहते हैं, तो इसे सुबह या दोपहर में खाएं और साथ में गुनगुना पानी पीएं। केले में थोड़ा सा शहद या दालचीनी मिलाकर खाने से इसके कफवर्धक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
नोट- यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है और किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। डाइनामाइट न्यूज़ इस बात की पुष्टि नहीं करता है।