CBI को बड़ी सफलता: जालसाज मुनव्वर खान को कुवैत से लाया गया भारत, इंटरपोल के रेड नोटिस के तहत हुई कार्रवाई

जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में वांछित मुनव्वर खान को CBI ने कुवैत से भारत प्रत्यर्पित कर लिया है। यह कार्रवाई इंटरपोल रेड नोटिस और विदेश मंत्रालय के सहयोग से संभव हो पाई। हैदराबाद एयरपोर्ट पर CBI ने उसे अपनी हिरासत में लिया।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 11 September 2025, 11:09 AM IST
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New Delhi: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता हाथ लगी है। जालसाजी और धोखाधड़ी के गंभीर मामलों में वांछित अपराधी मुनव्वर खान को कुवैत से भारत प्रत्यर्पित कर लिया गया है। यह कार्रवाई 11 सितंबर 2025 को पूरी की गई जब मुनव्वर खान को कुवैत पुलिस की मदद से हैदराबाद स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया।

कैसे हुई गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण?

CBI के मुताबिक, इस कार्रवाई के लिए इंटरपोल चैनलों का भरपूर इस्तेमाल किया गया। मुनव्वर खान पर इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस जारी किया गया था। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, CBI की इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट (IPCU) और कुवैत की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB-Kuwait) के बीच लगातार तालमेल बना रहा।

CBI को बड़ी सफलता

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कौन है मुनव्वर खान?

मुनव्वर खान एक शातिर जालसाज है, जिस पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के आरोप हैं। उसके खिलाफ कई जालसाजी और धोखाधड़ी से जुड़े आपराधिक मामले दर्ज हैं। सीबीआई द्वारा जांच के दौरान पता चला कि खान ने कई फर्जी दस्तावेजों और कंपनियों के माध्यम से लोगों को ठगने का काम किया।

क्या है रेड नोटिस?

रेड नोटिस इंटरपोल द्वारा जारी किया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य अलर्ट होता है, जिसमें किसी अपराधी की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के लिए सदस्य देशों को सूचित किया जाता है। यह कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं होता, लेकिन संबंधित देश की पुलिस को यह अधिकार देता है कि वे संदिग्ध को पहचान कर हिरासत में लें। मुनव्वर खान पर यह रेड नोटिस जारी होने के बाद ही कुवैत पुलिस ने उसे पकड़ा और फिर भारत को प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की गई।

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अंतरराष्ट्रीय सहयोग का बेहतरीन उदाहरण

CBI ने इस पूरे अभियान को अंतरराष्ट्रीय सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बताया है। IPCU, विदेश मंत्रालय और इंटरपोल के समन्वय से यह संभव हो सका। CBI ने अपने बयान में कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।

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