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लोकसभा में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि यह गीत किसी एक पार्टी या नेता का नहीं बल्कि पूरे भारत की भावना का प्रतीक है। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि कुछ लोग वंदे मातरम का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं।
New Delhi: लोकसभा में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उनका कहना था कि वंदे मातरम आजादी की लड़ाई का प्रेरणास्त्रोत था, जो भारतीयों को अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट होने और संघर्ष करने की शक्ति प्रदान करता था। इस चर्चा में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल हर चीज़ को अपने नाम करने की कोशिश करता है, जबकि वंदे मातरम किसी एक व्यक्ति या पार्टी का नहीं, बल्कि पूरे देश की भावना है।
लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, "वंदे मातरम आजादी की लड़ाई का प्रेरणा स्रोत था। यह गीत भारतीयों को एकजुट होने की ताकत देता था और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित करता था।" उन्होंने यह भी कहा कि यह गीत विशेष रूप से रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा गाए जाने के बाद व्यापक रूप से लोकप्रिय हुआ और स्वदेशी आंदोलन की आवाज बन गया। यादव ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि सत्ताधारी पार्टी वंदे मातरम को अपनी संपत्ति मानने की कोशिश कर रही है, जबकि यह गीत किसी पार्टी या व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे देश की भावना का प्रतीक है।
अखिलेश यादव ने इस दौरान यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग वंदे मातरम का राजनीतिक इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "जो लोग आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे, वे वंदे मातरम का महत्व क्या समझेंगे? कुछ लोग अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करते थे, लेकिन आज वे खुद को राष्ट्रवादी बताने का दावा करते हैं।" उन्होंने वंदे मातरम को भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया और इसे किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का गीत बताया।