

किसानों के लिए खुशखबरी है। उत्तराखंड सरकार अब राज्य की 211 सरकारी समितियों के माध्यम से किसानों से मडुआ (रागी) की खरीद 48.86 प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर कर रही है। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ किसानों के लिए समृद्धि…पढ़ें पूरी खबर
थाली में पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक भोजन
उत्तराखंड: प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है। उत्तराखंड सरकार अब राज्य की 211 सरकारी समितियों के माध्यम से किसानों से मडुआ (रागी) की खरीद 48.86 प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर कर रही है। इस फैसले से न केवल किसानों की आमदनी में इजाफा होगा, बल्कि लोगों की थाली में पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक भोजन भी पहुंचेगा।
आहार में शामिल करने की दिशा में काम
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार मिलेट मिशन को गति देने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस मिशन के तहत सरकार मडुआ सहित अन्य मोटे अनाजों को किसानों की आय का मजबूत आधार बनाने और आमजन के आहार में शामिल करने की दिशा में काम कर रही है। मडुआ की खरीद 211 समितियों के माध्यम से की जा रही है- जिनमें अल्मोड़ा में 43, चमोली में 22, बागेश्वर में 13, उत्तरकाशी में 13, पौड़ी में 17, पिथौरागढ़ में 24, टिहरी में 30, रुद्रप्रयाग में 10, नैनीताल में 17 और देहरादून में तीन केंद्र स्थापित किए गए हैं।
उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड पर बड़ा फैसला, शिक्षा व्यवस्था में होगा बड़ा बदलाव, पढ़ें पूरी खबर
ब्रांडिंग और मार्केटिंग का रोडमैप तैयार
पिछले वर्ष सरकार ने 10 हजार किसानों से 31,640 कुंतल मडुआ 42.90 प्रति किलो की दर से खरीदा था, जबकि इस वर्ष 50,000 कुंतल की खरीद का लक्ष्य रखा गया है - जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 19,000 कुंतल अधिक है। डॉ. रावत ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि “लोकल से ग्लोबल” की दिशा में उत्तराखंड के ऑर्गेनिक मिलेट्स को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जाए। इसके लिए राज्य सहकारी संघ द्वारा ब्रांडिंग और मार्केटिंग का रोडमैप तैयार किया जा चुका है।
1 अक्टूबर से मडुआ की खरीद शुरू
राज्य सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक आनंद शुक्ला ने बताया कि 1 अक्टूबर से मडुआ की खरीद शुरू हो चुकी है। समितियों और सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को इस योजना की जानकारी दी जा रही है। प्रति कुंतल 4,886 की दर से मडुआ खरीदा जा रहा है, साथ ही 100 प्रति कुंतल अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि समिति को दी जा रही है।
Nainital Crime: दंपत्ति की खौफनाक हरकत ने परिवार को दिया गहरा सदमा, जानें पूरा मामला
मडुआ एक पर्यावरण अनुकूल फसल है जो कम पानी में भी उगाई जा सकती है और इसमें रासायनिक खाद की आवश्यकता नहीं होती। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मडुआ कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर है। यह ग्लूटेन-फ्री होने के कारण शहरी बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। सरकार का मानना है कि यह पौष्टिक अनाज भविष्य में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ किसानों के लिए समृद्धि का नया द्वार साबित होगा।