नेपाल में युवाओं का गुस्सा उबाल पर, पिथौरागढ़ में क्या कहते हैं नेपाल मूल के लोग?

नेपाल में बढ़ते युवा विरोध प्रदर्शनों और सोशल मीडिया के प्रभाव पर पिथौरागढ़ के नेपाल मूल के लोगों ने अपनी राय दी। उनका मानना है कि नेपाल में सरकार को बदलने की जरूरत है और शांति बनाए रखना जरूरी है।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 11 September 2025, 1:31 PM IST
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Pithoragarh: नेपाल इन दिनों राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। राजधानी काठमांडू समेत पूरे देश में युवाओं की सक्रियता और विरोध प्रदर्शन दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। इस बीच सोशल मीडिया ने भी युवा आंदोलन को तेजी से आगे बढ़ाया है और जनमानस में भारी चर्चा पैदा की है।

भारत में नेपाल मूल के लोगों की राय

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से हमने भारत में रह रहे कुछ नेपाल मूल के लोगों से इस आंदोलन पर उनकी राय जानने की कोशिश की। उनके मुताबिक, नेपाल कोई गुलाम देश नहीं है और वर्तमान सरकार उनके दृष्टिकोण से जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही। उन्होंने कहा कि सरकार बदलनी चाहिए और नेपाल में शांति कायम रहनी चाहिए।

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सोशल मीडिया पर वायरल नारों की चर्चा

नेपाल में सोशल मीडिया पर एक नारा तेजी से वायरल हो रहा है, “नेता का बच्चा गाड़ी में, गाड़ी पहुंची खाड़ी में।” युवा इस नारे के माध्यम से पुराने नेताओं की आलोचना कर रहे हैं और सत्ता में बदलाव की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि बूढ़े नेताओं ने सत्ता में लंबे समय तक रहकर अत्याचार किया है और अब समय है कि शक्ति युवाओं के हाथ में आए।

युवाओं का उद्देश्य और दृष्टिकोण

युवाओं का कहना है कि वे केवल विरोध नहीं कर रहे, बल्कि नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था और न्याय सुनिश्चित करना चाहते हैं। उनका मकसद है भ्रष्टाचार, सत्तावाद और अनुचित प्रशासन को खत्म कर देश में स्थिरता और विकास लाना। युवा आंदोलन में सबसे प्रमुख पहलू यह है कि वे अपने अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आए हैं।

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सोशल मीडिया का योगदान

सोशल मीडिया ने इस आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई है। वायरल वीडियो और पोस्ट्स के माध्यम से युवा अपनी आवाज़ पूरी दुनिया तक पहुँचा रहे हैं। नेपाल सरकार द्वारा लगाए गए सोशल मीडिया प्रतिबंधों के बावजूद युवाओं ने अपने संदेश को फैलाना जारी रखा। यह आंदोलन केवल नेपाल तक सीमित नहीं है; इसके प्रभाव भारत और अन्य पड़ोसी देशों में भी महसूस किए जा रहे हैं।

नेपाल में युवाओं की सक्रियता और जनआंदोलन यह दिखाता है कि नई पीढ़ी सत्ता और लोकतंत्र में बदलाव की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। बूढ़े नेताओं की सत्ता पर लंबी पकड़ के बावजूद युवा यह संदेश दे रहे हैं कि परिवर्तन समय की आवश्यकता है। शांति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखते हुए ही देश का भविष्य सुरक्षित रह सकता है।

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