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रुद्रप्रयाग के थाती गांव के तारबाड़ में एक जंगली भालू फंस गया। वन विभाग ने घंटों की मशक्कत के बाद भालू को बेहोश कर तारबाड़ काटा, लेकिन हल्का होश आते ही भालू जंगल की ओर भाग गया। इससे गांव में दहशत का माहौल बन गया।
तारबाड़ में भालू फंसा
Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के विकासखंड जखोली के अंतर्गत बड़मा पट्टी के थाती गांव के घंड़ियाल मंदिर के निकट स्थित तारबाड़ में एक जंगली भालू फंस गया। स्थानीय ग्रामीणों ने भालू के फंसे होने की सूचना तुरंत वन विभाग को दी।
सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम पशुपालन विभाग के चिकित्सकों के साथ मौके पर पहुंची। भालू को सुरक्षित ढंग से निकालने के लिए टीम ने कई घंटे मेहनत की। भालू को बेहोश करने के लिए टीम ने विशेषज्ञ तरीके अपनाए।
कई घंटे की कोशिशों के बाद वन विभाग ने तारबाड़ काटने का निर्णय लिया। जैसे ही तारबाड़ काटा गया, भालू नीचे की ओर लुढ़कता हुआ चला गया। टीम ने भालू को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किया और उसे बेहोश करने में सफलता पाई।
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जैसे ही भालू हल्का होश में आया, वह तुरंत जंगल की ओर भाग गया। इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल बन गया। कई ग्रामीण अपने घरों में सुरक्षित रहने को मजबूर हुए।

स्थानीय लोग कहते हैं कि भालू के अचानक फंसने और फिर जंगल की ओर भागने से उनका जीवन असुरक्षित महसूस हुआ। वन विभाग ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि इलाके में नियमित गश्त की जाएगी ताकि ऐसे घटनाओं को रोका जा सके।
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वन विभाग ने लोगों से जंगल में अकेले जाने से बचने और जंगली जानवरों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी। अधिकारियों ने बताया कि भालू के फंसने और भागने की घटनाएं आमतौर पर भोजन या रास्ते में अड़चनों के कारण होती हैं।
भालू के फंसने की घटना से यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों और मानव जीवन के बीच सुरक्षा संतुलन बनाए रखना अत्यंत जरूरी है। वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए आपात योजना तैयार करने की बात कही है।