रुद्रप्रयाग में भालू का हमला: फिटर भरत चौधरी की जान पर बन आई, पेड़ पर चढ़कर बचाई जिंदगी

रुद्रप्रयाग जिले के कोट तल्ला में पानी की टंकी ठीक करने गए फिटर भरत चौधरी पर भालू ने हमला कर दिया। भरत ने बहादुरी से मुकाबला किया और पेड़ पर चढ़कर जान बचाई, लेकिन गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें श्रीनगर बेस अस्पताल से रैफर कर दिया गया है।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 28 November 2025, 10:12 AM IST
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Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में मानव और वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। पहाड़ों में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों का सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है। ताज़ा मामला अगस्त्यमुनि विकासखंड के कोट तल्ला गांव का है, जहां भालू के हमले में स्थानीय फिटर भरत चौधरी गंभीर रूप से घायल हो गए।

दैनिक कार्य पर गए भरत पर अचानक भालू का हमला

ग्रामीणों के अनुसार, भरत सिंह रोज़ की तरह पानी की टंकी की जांच और मरम्मत करने गए थे। जैसे ही वे टैंक की ओर बढ़े, झाड़ियों में छिपे एक बड़े और खूँखार भालू ने अचानक उन पर हमला बोल दिया। हमले के बाद भरत चौधरी गिर पड़े, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने भालू पर लात-घूंसे और आसपास पड़ी चीज़ों से हमला कर खुद को बचाने की कोशिश की।

लड़ते-लड़ते पेड़ पर चढ़कर बचाई जान

भालू की पकड़ से छूटने के बाद भरत किसी तरह नजदीक के एक पेड़ पर चढ़ गए। माना जा रहा है कि अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनकी जान जाना तय था। लेकिन भालू यहीं नहीं रुका उसने पेड़ पर भी भरत पर हमला करने की कोशिश की, जिससे उन्हें और गंभीर चोटें आईं। ग्रामीणों ने शोर मचाया और काफी प्रयासों के बाद भालू वहां से हटकर जंगल की ओर भागा।

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अस्पताल में भर्ती

फिटर भरत चौधरी घायल

घायल भरत को आनन-फानन में श्रीनगर बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रैफर कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था न होने की वजह से मरीज को समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल पाया। वर्तमान में भरत सिंह जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

गांव में दहशत

रुद्रप्रयाग और आसपास के इलाकों में पिछले कुछ महीनों से जंगली जानवरों की बढ़ती आवाजाही ग्रामीणों में भारी दहशत पैदा कर रही है।
भालू, गुलदार, बंदर सहित कई वन्यजीव भोजन की तलाश में गांवों और यहां तक कि घरों के आंगन तक पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे खेतों में काम करने और बच्चों को बाहर भेजने से डरने लगे हैं।

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ग्रामीणों की मांग

ग्रामवासियों ने वन विभाग से मांग की है कि इस भालू को जल्द से जल्द ट्रैंक्विलाइज़ कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए, ताकि गांव में लोगों की जान को खतरा कम हो सके। उनका कहना है कि जब तक वन विभाग प्रभावी कदम नहीं उठाता, तब तक गांव में भय और असुरक्षा का माहौल बना रहेगा।

Location : 
  • Rudraprayag

Published : 
  • 28 November 2025, 10:12 AM IST