

भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने नेपाल के जेलों से फरार हुए 35 कैदियों को पकड़ लिया है। ये कैदी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के सीमाई इलाकों में घुसने की कोशिश कर रहे थे। एसएसबी ने चौकसी बढ़ाकर देश की सुरक्षा सुदृढ़ की है।
भारत-नेपाल सीमा पर बड़ी कार्रवाई
New Delhi: भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने नेपाल के जेलों से फरार हुए 35 कैदियों को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। ये कैदी हाल ही में नेपाल में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों और दंगों के बीच जेलों से भाग निकले थे। एसएसबी ने उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में इन फरार कैदियों को सीमा पार करते हुए गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर चौकसी को और सख्त कर दिया गया है ताकि कोई भी फरार अपराधी भारत में प्रवेश न कर सके। पकड़े गए कैदियों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। एसएसबी ने बिना वैध दस्तावेजों के भारत में घुसने की कोशिश कर रहे इन कैदियों की निगरानी तेज कर दी है।
उत्तर प्रदेश में 22, बिहार में 10 और पश्चिम बंगाल में तीन कैदियों को पकड़ने की पुष्टि हुई है। बुधवार को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में पांच और कैदियों को गिरफ्तार किया गया। सभी गिरफ्तार कैदियों को स्थानीय पुलिस के सुपुर्द कर उनकी पहचान और अपराधों की जांच की जा रही है।
35 फरार कैदी धर-दबोचे गए
नेपाल में हाल के ‘जेन-जी’ आंदोलन के कारण देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन और हिंसा फैली है। इन विरोध प्रदर्शनों के बीच नेपाल के 77 जिलों में जेलों की सुरक्षा कमजोर हुई और हजारों कैदी फरार हो गए। इसके चलते नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। नेपाल आर्मी को जेलों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है, पर हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
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भारत-नेपाल की 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा अपराधियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण रास्ता बन सकती है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से सटी इस सीमा पर एसएसबी ने 24 घंटे कड़ी निगरानी रखी है। इसकी वजह से कई फरार कैदियों को भारत में घुसने से रोकने में सफलता मिली है।
एसएसबी के एक अधिकारी ने बताया कि नेपाल में विरोध प्रदर्शनों की वजह से जेल सुरक्षा कमजोर हुई और कैदियों ने सुरक्षा कर्मियों को धमकाकर भागने में कामयाबी पाई। भारत की सतर्कता ने इन अपराधियों के मंसूबों को विफल कर दिया। सीमा पर गश्त और खुफिया जांच को और भी तेज कर दिया गया है ताकि आगे कोई भी फरार कैदी देश में प्रवेश न कर सके। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा को और मजबूत करना अब आवश्यक हो गया है ताकि देश की कानून-व्यवस्था बनी रहे और अपराधियों को भारत में घुसने से रोका जा सके।