

नेपाल में Gen-Z आंदोलन हिंसक हो गया है। सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू और अन्य जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की। बढ़ती हिंसा के कारण सरकार ने कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है, जो शुक्रवार सुबह तक जारी रहेगा।
नेपाल में चलीं गोलियां
Kathmandu: नेपाल में Gen-Z आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया एप्स पर प्रतिबंध के विरोध में राजधानी काठमांडू समेत कई जगहों पर भारी विरोध-प्रदर्शन किए। संसद भवन और कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया। बढ़ती हिंसा के कारण नेपाल सरकार ने कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है, जो शुक्रवार सुबह तक जारी रहेगा।
हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सेना ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। झड़पों में अब तक 30 लोग मारे गए और 1000 से अधिक घायल हुए हैं। सेना ने भीड़ को काबू करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
नेपाल के रामेछाप जिला जेल में कैदियों ने बड़े पैमाने पर जेल तोड़कर भागने का प्रयास किया। सेना ने इस दौरान गोलीबारी की, जिसमें लगभग 12-13 कैदी घायल हो गए। जेल के अंदर कैदियों ने कई आंतरिक ताले तोड़े और मुख्य दरवाजा जबरदस्ती खोलने की कोशिश की। सुरक्षा बलों ने तेजी से कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया।
नेपाल में सेना ने बरसाई गोलियां
प्रदर्शन के बीच नेपाल की 25 से अधिक जेलों से करीब 15,000 कैदी फरार हो गए। यह नेपाल के इतिहास की सबसे बड़ी जेलब्रेक घटना मानी जा रही है। हालांकि, कुछ कैदी स्वेच्छा से लौटे हैं और सेना ने कई कैदियों को फिर से पकड़ लिया है। सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है और पुलिस तथा सशस्त्र बल जेल सुरक्षा में तैनात हैं।
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नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया एप्स पर प्रतिबंध लगाया, जिससे Gen-Z वर्ग खासा नाराज हुआ। युवा प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया बैन का विरोध करते हुए सड़कों पर आक्रामक प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन जल्दी ही हिंसा में बदल गया, जिससे पूरे देश में हालात तनावपूर्ण हो गए।
नेपाल में Gen-Z आंदोलन के कारण व्यापक हिंसा और कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई है। प्रधानमंत्री का इस्तीफा और सेना का मोर्चा संभालना इस संकट की गंभीरता को दर्शाता है। जेलों से कैदियों की बड़ी संख्या में भागने की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था की चूक को उजागर किया है। कर्फ्यू और कड़े सुरक्षा कदमों के बावजूद स्थिति अभी भी पूरी तरह नियंत्रण में नहीं है।