Haridwar: रुड़की में श्रद्धालु के लिए फरिश्ता बनी पुलिस, ऐसे बचाया जीवन

रुड़की के महाराणा संग्राम सिंह घाट पर शनिवार को एक ऐसी घटना घटी जिसने इंसानियत और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश कर दी। जिसमें एक श्रद्दालु को नया जीवन दान मिला।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 14 July 2025, 6:53 AM IST
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Haridwar: रुड़की के महाराणा संग्राम सिंह घाट पर शनिवार को एक ऐसी घटना घटी जिसने इंसानियत और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश कर दी। हरियाणा के फरीदाबाद निवासी 17 वर्षीय करन उर्फ छोटा भोला मां गंगा में स्नान करने के दौरान अचानक तेज बहाव में बह गया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार दोपहर करीब 2 बजे यह हादसा होते ही घाट पर हड़कंप मच गया। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत इसकी सूचना आपदा राहत दल को दी।

सूचना मिलते ही 40 पीएसी रुड़की की आपदा राहत टीम मौके पर पहुंच गई और बिना समय गंवाए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। इस टीम का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर इखलाक मलिक कर रहे थे। उनके साथ हवलदार मनोज कुमार, कांस्टेबल महावीर और कांस्टेबल संतराम नेगी ने अदम्य साहस दिखाते हुए गंगा के तेज बहाव में उतरकर भोले को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

डूबने से बचा छोटा भोला जब बाहर निकाला गया तो बेहद घबराया और थका हुआ नजर आया। इसी दौरान सब इंस्पेक्टर इखलाक मलिक ने अपनी ड्यूटी के साथ इंसानियत की जिम्मेदारी भी निभाई।

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उन्होंने छोटे भोले को पास ही सिविल लाइन में छोले भटूरे की दुकान पर ले जाकर भरपेट भोजन कराया। इसके बाद भी उन्होंने जिम्मेदारी यहीं खत्म नहीं की। भोले को खुद अपनी देखरेख में रुड़की रेलवे स्टेशन तक छोड़ा और उसके सुरक्षित घर लौटने की व्यवस्था की।

इखलाक मलिक और उनकी टीम के इस मानवीय व्यवहार से न सिर्फ छोटा भोला बल्कि घाट पर मौजूद लोग भी भावुक हो उठे। जाते-जाते भोला ने कहा, ‘उत्तराखंड पुलिस मेरे लिए फरिश्ता बनकर आई है। अगर इखलाक अंकल और उनकी टीम समय पर नहीं पहुंचती तो मैं आज जिंदा नहीं होता।’

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उत्तराखंड पुलिस के जवानों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनकी वर्दी में न सिर्फ कर्तव्य का बल है बल्कि आम जनता के प्रति गहरी संवेदनशीलता भी है।

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रुड़की के महाराणा संग्राम सिंह घाट पर हुई यह घटना बताती है कि आपदा की घड़ी में पीएसी के जवान कैसे जान जोखिम में डालकर भी दूसरों की जिंदगी बचाने में पीछे नहीं हटते।

स्थानीय लोगों ने भी सब इंस्पेक्टर इखलाक मलिक और उनकी टीम की खूब सराहना की। इंसानियत के इस जज्बे ने एक बार फिर जनता के दिलों में उत्तराखंड पुलिस के लिए भरोसा और सम्मान और भी बढ़ा दिया है।

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