

उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों के आतंक की समस्या दिन प्रति दिन गहराती जा रही है जिस पर सरकार आंखें मूंद कर सो रही है।
देवप्रयाग में सूअर ने महिला को किया लहूलुहान
टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड के गांवों में सूअरों ने आतंक मचा रखा है। जंगली सूअर दिन के उजाले में भी खुले आम घर के आसपास बेखौफ घूम रहे हैं। ताजा मामला देवप्रयाग का है। शुक्रवार सुबह गदेरे के पास घास काटने गई एक महिला पर जंगली सूअर ने हमला कर दिया जिससे महिला लहूलुहान हो गई। सूचना पर ग्रामीणों ने महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार घटना शुक्रवार सुबह देवप्रयाग के समीपवर्ती तुंणगी गांव की है।
सूअर के हमले में घायल महिला की पहचान तुंणगी गांव निवासी जगदम्बा देवी (63) पत्नी स्व जीत सिंह के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह महिला गदेरे के पास घास लेने के लिए गई थी । इस दौरान झाड़ियों में छिपे सूअर ने महिला पर अचानक धावा बोल दिया और उसके हाथ व पैर को बुरी तरह से काट दिया जिससे महिला बुरी तरह से जख्मी हो गई। सूचना पर ग्रामीण आनन-फानन में महिला को उपचार के लिए सीएचसी बागी ले गए जहां से महिला की हालत गंभीर होने पर उसे श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घर के पास घूमते जंगली सूअर
ग्रामीणों ने बताया कि सूअर और बंदरों ने यहां आतंक मचा रखा है। वह निर्भय होकर घूम रहे हैं और खेतों और घरों को तहस नहस कर रहे हैं।
तुंणगी गाँव वासियों ने रेंजर एमएस रावत को ज्ञापन देकर जंगली सुअरों से उन्हे सुरक्षा दिये जाने व गरीब महिला जगदम्बा देवी को उचित मुआवजा देने की मांग की ।
घटना से क्षेत्र में हडकंप मचा हुआ है। आसपास के गांव में सूअरों को लेकर भय व्याप्त है। इस घटना के बाद गांव की महिलाओं ने अब अकेले खेतों पर जाना बंद कर दिया है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पहाड़ों से पलायन के कारण गांवों में खेत-खलियान और घर वीरान और सुनसान पड़े हैं इसलिए इंसान की आवाजाही न होने के कारण जंगली जानवर गांव को जंगल मान प्रवेश कर रहे हैं।
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ग्रामीणों का सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि सूअरों को मारने पर सरकार जुर्माना लगाती है लेकिन सूअर और बंदर खेती और घर में आकर कई नुक्सान कर रहे हैं, महिलाओं व बच्चों पर हमला कर उन्हें घायल कर दे रहे हैं जो सरकार और वन विभाग को दिखता नहीं है।
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ग्रामीणों ने वन विभाग, जिला प्रशासन और सरकार से सूअरों और बंदरों के आंतक से जल्द से जल्द निजात दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाने मांग की है।
वहीं वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि ग्रामीण बच्चों को अकेले में जंगलों में ने भेजें और समूह में ही खेतों या जंगलों में जाएं।