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रायबरेली में विश्व प्रतिजैविक प्रतिरोध जागरूकता सप्ताह (World Antimicrobial Awareness Week – WAAW) 2025 दिनांक 18 से 25 नवम्बर तक मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी “Act Now: Protect Our Present, Secure Our Future” अर्थात् “अभी कार्यवाही करें।
रायबरेली में किया गया जागरूक
Raebareli: एम्स रायबरेली में विश्व प्रतिजैविक प्रतिरोध जागरूकता सप्ताह (World Antimicrobial Awareness Week – WAAW) 2025 दिनांक 18 से 25 नवम्बर तक मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी “Act Now: Protect Our Present, Secure Our Future” अर्थात् “अभी कार्यवाही करें: हमारे आज की रक्षा करें हमारे कल को संरक्षित करें”।
कार्यक्रम का आयोजन एंटीमाइक्रोबियल स्टीवार्डशिप प्रोग्राम (AMSP) समिति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के सहयोग से किया गया। सप्ताह की शुरुआत OPD जागरूकता कार्यक्रम से हुई, जिसका समन्वय डॉ. मृतुंजय कुमार (हेड, बाल रोग विभाग) ने किया। कार्यक्रम में संकाय सदस्यों ने बताया कि एंटीबायोटिक किन स्थितियों में सचमुच ज़रूरी होते हैं और क्यों अधिकतर वायरल सर्दी-जुकाम एवं बुखार में इनकी आवश्यकता नहीं पड़ती। MBBS एवं नर्सिंग विद्यार्थियों ने नाटिका के माध्यम से यह दिखाया कि बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा लेना या बची हुई गोलियाँ दोबारा उपयोग करना कितना हानिकारक हो सकता है।
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19 नवम्बर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सलोन में समुदायिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. सना इस्लाही एवं उनकी टीम ने एंटीबायोटिक के सुरक्षित उपयोग पर व्याख्यान दिया। नर्सिंग विद्यार्थियों ने रोल-प्ले प्रस्तुत किया और मरीजों व तीमारदारों के साथ प्रश्न-उत्तर सत्र रखा गया। इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग के लिए डॉ. मुकेश शुक्ला, एन. पी. चौधरी और श्री प्रह्लाद को धन्यवाद दिया गया।
21 नवम्बर को MBBS एवं नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसका समन्वय डॉ. मंगेश बांकर ने किया। छात्रों ने एंटीबायोटिक प्रतिरोध और संक्रमण नियंत्रण पर रचनात्मक पोस्टर बनाकर जागरूकता के संदेश दिए। चयनित पोस्टर अस्पताल के विभिन्न भागों में प्रदर्शित किए गए।
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24 नवम्बर को संकाय, रेजिडेंट डॉक्टरऔर नर्सिंग अधिकारियों के लिए सतत चिकित्सा शिक्षण कार्यक्रम “Building the Foundation of Antimicrobial Stewardship: From Awareness to Action” आयोजित हुआ। डॉ. शेफाली गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर एवं हेड, माइक्रोबायोलॉजी तथा समन्वयक AMSP, ने AIIMS रायबरेली का 2025 एंटिबायोग्राम प्रस्तुत करते हुए समझाया कि स्थानीय डेटा के आधार पर एंटीबायोटिक चुनने से मरीजों को बेहतर इलाज मिलता है और शक्तिशाली दवाएँ भविष्य के लिए बची रहती हैं।
25 नवम्बर को MBBS विद्यार्थियों और रेज़िडेंट्स के लिए AMR क्विज़ प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसका संचालन डॉ. स्वेता सिंह (माइक्रोबायोलॉजी विभाग) एवं उनकी टीम ने किया। केस-आधारित और रैपिड-फायर प्रश्नों के माध्यम से एंटीबायोटिक के तर्कसंगत उपयोग और संक्रमण नियंत्रण के महत्वपूर्ण बिंदुओं को दोहराया गया। पुरस्कार वितरण एवं समापन सत्र के दौरान प्रो. (डॉ.) अमिता जैन (कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ), प्रो. (डॉ.) नीरज कुमारी (डीन – अकादमिक), प्रो. (डॉ.) अर्चना वर्मा (डीन – रिसर्च), डॉ. नीरज श्रीवास्तव (अपर चिकित्सा अधीक्षक), कर्नल अखिलेश सिंह (उप निदेशक प्रशासन) तथा श्री के. बी. वाई. सिंह (प्रशासनिक अधिकारी) उपस्थित रहे और विजेताओं व सभी प्रतिभागियों की सराहना की।
सप्ताह भर चले कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता को यह संदेश दिया गया कि बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक न लें। बची हुई दवाओं का दोबारा या साझा उपयोग न करें।
डॉक्टर द्वारा लिखी पूरी दवा और पूरा कोर्स पूरा करें।
हाथ धोकर, सफाई रखकर और समय पर टीकाकरण करवाकर कई संक्रमणों से बचा जा सकता है।
एम्स रायबरेली ने संकल्प दोहराया कि वह समुदाय के साथ मिलकर एंटीबायोटिक के जिम्मेदार उपयोग और संक्रमण नियंत्रण को बढ़ावा देता रहेगा, ताकि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए ये जीवनरक्षक दवाएँ प्रभावी बनी रहें।