

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हो रही भारी बारिश और उससे उत्पन्न बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। 21 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन, एनडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियां लगातार राहत कार्य में जुटी हुई हैं। मौसम विभाग ने 6 अगस्त से मौसम में सुधार के संकेत दिए हैं।
मौसम अपडेट (Img: Google)
Lucknow: उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और उससे जुड़ी बाढ़ की स्थिति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदेश के 21 जिले इस समय बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। राजधानी लखनऊ सहित कई प्रमुख शहरों में रुक-रुक कर बारिश जारी है, जिससे आम जनजीवन ठप हो गया है। प्रशासन से लेकर आपदा प्रबंधन बल तक सभी एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
प्रभावित जिलों की सूची में ये प्रमुख जिले शामिल
कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, चित्रकूट, बलिया, प्रयागराज, वाराणसी, बांदा, गाजीपुर, चंदौली, हमीरपुर, मीरजापुर, जालौन, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, इटावा, भदोही, कासगंज, एटा, मैनपुरी और औरैया। इन सभी इलाकों में जिला प्रशासन द्वारा राहत कैंप, चिकित्सा सुविधाएं, भोजन वितरण और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लगातार पेट्रोलिंग और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी और पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, 5 अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। जबकि पूर्वी यूपी में बारिश थोड़ी कम हो सकती है। साथ ही, गरज चमक और बिजली गिरने का अलर्ट भी जारी किया गया है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कासगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, संतकबीर नगर, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती। इसके अलावा, पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस और एटा में भी तेज बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग का कहना है कि 6 अगस्त से बारिश की तीव्रता में कमी आएगी और धीरे-धीरे प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में मौसम सामान्य हो जाएगा।
राहत कार्यों की स्थिति
बाढ़ से 1,72,255 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार ने इन सभी के लिए राहत कैंप और सहायता केंद्रों की व्यवस्था की है। 20,336 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत कार्यों के लिए, 1,196 नावें और मोटरबोट्स राहत पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। 4,867 नावें स्टैंडबाय पर रखी गई हैं ताकि आपातकाल में तुरंत उपयोग हो सकें।
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे आवश्यकतानुसार ही घरों से बाहर निकलें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। बाढ़ग्रस्त इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचें और स्थानीय प्रशासन से सहायता प्राप्त करें।