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पूर्वांचल के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में शामिल “खिचड़ी मेला” को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा व्यवस्था और सुगम यातायात सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को जिलाधिकारी गोरखपुर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर ने संयुक्त रूप से कई महत्वपूर्ण स्थानों का निरीक्षण किया। पढिए पूरी खबर
सुरक्षा व्यवस्था की हाई-लेवल समीक्षा
गोरखपुर: पूर्वांचल के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में शामिल “खिचड़ी मेला” को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा व्यवस्था और सुगम यातायात सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को जिलाधिकारी गोरखपुर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर ने संयुक्त रूप से कई महत्वपूर्ण स्थानों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने तैयारियों का बारीकी से मूल्यांकन किया और अधीनस्थों को स्पष्ट और कड़े दिशा-निर्देश जारी किए।
व्यवस्थित तरीके से पार्क कराने की तैयारी
सर्वप्रथम DM–SSP का काफिला विभिन्न पार्किंग स्थलों पर पहुँचा, जहाँ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को व्यवस्थित तरीके से पार्क कराने की तैयारी की जा रही है। जिलाधिकारी ने पार्किंग स्थलों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था, साफ-सफाई, बैरिकेडिंग, पेयजल, शौचालयों तथा सुरक्षा कर्मियों की तैनाती को अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि भीड़ बढ़ने की स्थिति में वैकल्पिक पार्किंग योजना भी तैयार रखी जाए। SSP ने पुलिस बल को निर्देशित किया कि ट्रैफिक मैनेजमेंट में किसी प्रकार की ढिलाई न हो और हर पार्किंग स्थल पर प्रशिक्षित व मुस्तैद पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं, जो भीड़ को नियंत्रित करने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को सही दिशा देते रहें।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
इसके बाद निरीक्षण दल गोरखनाथ क्षेत्र में स्थित निर्माणाधीन पुल पर पहुँचा, जो मेले के दौरान भीड़ और वाहनों के दबाव को देखते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिकारियों ने पुल की वर्तमान स्थिति, सुरक्षा उपायों, बैरिकेडिंग, वैकल्पिक मार्ग तथा संभावित भीड़भाड़ के बिंदुओं का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि पुल निर्माण क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवरोध श्रद्धालुओं की आवाजाही को प्रभावित न करे। वहीं SSP ने साफ कहा कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए पुलिस बल की रणनीति पहले से तय होनी चाहिए।
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निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक यातायात, उपजिलाधिकारी नगर सहित राजस्व, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम और पुलिस विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे। सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि मेले की दिशा में किए जा रहे सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में हर हाल में पूर्ण किए जाएं।
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जिला प्रशासन के इस निरीक्षण अभियान से यह स्पष्ट संकेत मिल गया है कि इस बार खिचड़ी मेले में सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के मानकों को और अधिक मजबूत किया जा रहा है। अधिकारियों का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और धार्मिक आस्था का यह पर्व शांति एवं सौहार्द के वातावरण में संपन्न हो।