

असोथर विकासखंड के ग्राम पंचायत ऐझी कोटवा के यमुना नदी घाट पर मूर्ति विसर्जन के बाद भारी लापरवाही सामने आई है। विसर्जन के बाद मूर्तियों को ढकना जिम्मेदार भूल गए, जिसके चलते खुले में पड़ी मूर्तियों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
मूर्ति विसर्जन के बाद भारी लापरवाही
फतेहपुर: असोथर विकासखंड के ग्राम पंचायत ऐझी कोटवा के यमुना नदी घाट पर मूर्ति विसर्जन के बाद भारी लापरवाही सामने आई है। विसर्जन के बाद मूर्तियों को ढकना जिम्मेदार भूल गए, जिसके चलते खुले में पड़ी मूर्तियों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कुछ मूर्तियों के टूटे हुए हाथ, तो कुछ के शेर और सांप के मुंह क्षतिग्रस्त दिखाई दे रहे हैं।
श्रद्धालुओं और भक्तों में नाराजगी
इस वीडियो के वायरल होते ही श्रद्धालुओं और भक्तों में नाराजगी फैल गई। सोशल मीडिया पर भाजपा नेता रज्जन शुक्ला, एम पी सिंह, गौरव सिंह गौतम, शुभम शिवहरे इत्यादि ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दृश्य भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। भक्तों ने सुझाव दिया कि ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को स्वयं आगे बढ़कर मूर्तियों को ढक देना चाहिए, ताकि मूर्तियों का अपमान न हो और धार्मिक आस्था बनी रहे।
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ग्राम प्रधान का बयान
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुरेंद्र कुमार द्विवेदी ऐझी कोटवा ने बताया कि विसर्जन के बाद मूर्तियों को ढकने की जिम्मेदारी सफाई कर्मियों की थी। संभवतः यह काम भूलवश नहीं हो सका। वायरल वीडियो की जानकारी मिलते ही तुरंत मौके पर लोगों को भेजकर मूर्तियों को सम्मानपूर्वक ढकवाने के लिए भेजा गया है।
विकासखंड अधिकारी का बयान
विकासखंड अधिकारी राहुल मिश्रा से संपर्क किया तो फोन नहीं रिसीव हुआ। हालांकि इस संबंध में ज्वाइंट बीडीओ कमलेश कुमार असोथर से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी प्राप्त हुई है। ग्राम पंचायत से रिपोर्ट मांगी गई है।
यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि भविष्य में मूर्ति विसर्जन के बाद मूर्तियों को ढकने और सुरक्षित रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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भक्तों की अपील
भक्तों ने कहा कि मूर्तियां आस्था और सम्मान का प्रतीक हैं, ऐसे में उनका इस तरह खुले में पड़े रहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। श्रद्धालुओं ने अपील की है कि हर विसर्जन के बाद मूर्तियों को सम्मानपूर्वक ढकना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।