

यूपी में नया डीजीपी कौन होगा? इस बात की चर्चाएं जोरों पर है। वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार का कार्यकाल 31 मई को खत्म हो रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस बात की चर्चा तेज है कि सूबे के पुलिस विभाग का नया मुखिया कौन होगा। नई तैनाती को लेकर अभी से कयास लगने लगे हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, ब्यूरोक्रेसी और राजनीतिक गलियारों में नए डीजीपी को लेकर चर्चाएं जोरों पर है।
चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग
राज्य के वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह पर किसे डीजीपी बनाया जाएगा, इसे लेकर कौतूहल बढ़ता जा रहा है। फिलहाल गृह विभाग के अधिकारी नए डीजीपी के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को पैनल भेजने पर चुप्पी साधे हैं। वहीं, बीते दिनों प्रदेश सरकार द्वारा डीजीपी के चयन के लिए बनाई गई नियमावली के तहत समिति का गठन भी नहीं किया गया है।
डीजीपी के पद का प्रबल दावेदार
दरअसल, इसी माह के अंत में डीजी रैंक के तीन अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री और डीजी टेलीकॉम संजय एम. तरड़े शामिल हैं। इसके बाद आईपीएस अफसरों की वरिष्ठता सूची में अहम बदलाव होगा, जिसके बाद संदीप सांलुके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा का नाम सूची में शीर्ष पर आ जाएगा। तत्पश्चात एमके बशाल, तिलोत्तमा वर्मा, आलोक शर्मा, पीयूष आंनद और राजीव कृष्ण का नाम है।
इनमें से दलजीत सिंह चौधरी, अतुल शर्मा और राजीव कृष्ण को डीजीपी के पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
सेवानिवृत्ति में अभी चार वर्ष
हालांकि दलजीत सिंह चौधरी वर्तमान में बीएसएफ के डीजी हैं, जबकि आलोक शर्मा एसपीजी की कमान संभाल रहे हैं। दोनों अधिकारियों की सेवानिवृत्ति में छह माह से अधिक समय बाकी है। राजीव कृष्ण उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष के साथ विजिलेंस के निदेशक भी हैं। उनकी सेवानिवृत्ति में अभी चार वर्ष का समय हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार इनमें से किस अधिकारी का चयन करती है। मगर अभी तक इनमें से कोई नाम उभकर सामने नहीं आया है। ऐसे में नए डीजीपी के नाम पर खूब माथापच्ची और कयासबाजी होने लगी है।
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