

पर्यटन नीति के समीक्षा में उद्यमियों को भारी मात्रा में निवेश के अवसर दिए जाने पर जोर दिया गया। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
पर्यटन नीति 2025 पर कार्यशाला
महराजगंज: जिला कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2025 के संदर्भ में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की नई पर्यटन नीति के विभिन्न पहलुओं, उद्यमियों के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं और अनुदान योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश को वर्ष 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में पर्यटन क्षेत्र की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन केवल पर्यटन स्थलों के विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजगार सृजन और विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का भी एक प्रमुख स्रोत है। साथ ही यह स्वरोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो अब तक अछूते हैं, लेकिन उनमें अपार संभावनाएं छिपी हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में अग्रणी राज्य है, लेकिन अब आवश्यकता है कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित किया जाए। इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा निजी उद्यमियों को अनुदान के साथ अन्य जरूरी सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं, ताकि वे पर्यटन क्षेत्र में निवेश कर सकें और प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित कर सकें।
कार्यशाला में उपस्थित अपर जिलाधिकारी ने भी उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि महराजगंज जनपद में पर्यटन की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। नेपाल सीमा से सटे इस जिले में भगवान बुद्ध से जुड़े ऐतिहासिक स्थल हैं, वहीं सोहागीबरवा वन्यजीव विहार इको टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जो भी उद्यमी इस क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं, उन्हें शासन की ओर से हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
कार्यशाला में उपस्थित उद्यमियों ने भी अपने सुझाव और प्रश्न रखे, जिनका समाधान उपनिदेशक पर्यटन द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी सदर रमेश कुमार, जीएम डीआईसी अभिषेक प्रियदर्शी, सहायक पर्यटक अधिकारी प्रभाकर मणि त्रिपाठी सहित कई अधिकारी और उद्यमी मौजूद रहे।