यमुना का कहर: मथुरा-‍वृंदावन में हजारों लोग बाढ़ की चपेट में, श्रद्धालु फंसे

हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने यमुना नदी का जलस्तर मथुरा में खतरे के निशान से सवा मीटर ऊपर पहुंचा दिया है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि शनिवार को एक आश्रम में गर्दन तक पानी भर गया, जिससे वहां मौजूद श्रद्धालु फंस गए।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 7 September 2025, 12:30 PM IST
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Mathura: यूपी में लगातार बारिश और बैराजों से छोड़े गए पानी से बाढ़ के हालात और बिगड़ गए हैं। मथुरा-वृंदावन पूरी तरह जलमग्न हैं, हजारों लोग और श्रद्धालु प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने राज्य के 21 जिलों में फिर से बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता के चलते बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। राज्य के कई जिले पानी में डूबे हुए हैं, वहीं राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं। मौसम विभाग ने रविवार को यूपी के 21 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। खासतौर पर पश्चिमी और मध्य यूपी के जिलों में जलभराव और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

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मथुरा और वृंदावन सबसे ज्यादा प्रभावित

हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने यमुना नदी का जलस्तर मथुरा में खतरे के निशान से सवा मीटर ऊपर पहुंचा दिया है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि शनिवार को एक आश्रम में गर्दन तक पानी भर गया, जिससे वहां मौजूद श्रद्धालु फंस गए। पुलिस और प्रशासन ने रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। वृंदावन का परिक्रमा मार्ग पूरी तरह डूब चुका है और श्रद्धालु जहां-तहां फंसे हुए हैं। विश्राम घाट से बंगाली घाट तक का संपर्क पूरी तरह कट चुका है। शहर के अंदरूनी हिस्सों तक पानी पहुंच चुका है। वृंदावन का 70% हिस्सा जलमग्न बताया जा रहा है।

मथुरा के 26 गांव बाढ़ की चपेट में

मथुरा के 26 गांव और करीब 7 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में है। पानी का बहाव इतना तेज़ है कि कई इलाकों में पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी है।

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शाहजहांपुर, प्रयागराज और पीलीभीत में भी बाढ़ का असर

शाहजहांपुर में दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बाढ़ का पानी चढ़ गया, जिससे यातायात ठप हो गया है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है। ललितपुर में माताटीला डैम के ओवरफ्लो होने के कारण उसके 20 गेट खोल दिए गए हैं। इससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पीलीभीत में पांच तहसीलों के कुल 62 गांवों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। खेत, सड़कें और घर पानी में डूब चुके हैं।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

डीएम ज्ञानेंद्र सिंह खुद कंट्रोल रूम से बाढ़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राहत और बचाव टीमों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में नावों की व्यवस्था, मेडिकल कैंप और राहत शिविर बनाए गए हैं।

आने वाले दिनों में बारिश थोड़ी थमेगी

लखनऊ के मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने जानकारी दी है कि अगले 3-4 दिनों तक प्रदेश में तेज बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुराने पानी के निकासी में अभी वक्त लगेगा। हालात सामान्य होने में कम से कम एक हफ्ता लग सकता है।

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