

देवरिया के हनुमान मंदिर सीसी रोड पर टूटा मुख्य नाला गंदगी और दुर्गंध का कारण बन रहा है। बरसात में गंदा पानी सड़कों पर फैल रहा है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है।
नाले की दुर्गंध ने किया जीना हराम
Deoria: देवरिया शहर के हनुमान मंदिर सीसी रोड से कुशवाहा गेट तक फैला मुख्य नाला आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन यह चर्चा किसी विकास की वजह से नहीं, बल्कि इसकी बदहाली और दुर्गंध के कारण है। यह नाला, जो राघव नगर, देवरिया खास, उमा नगर जैसे कई मोहल्लों का गंदा पानी कुरना नाले तक ले जाता है, पिछले कई महीनों से टूटा हुआ है। नाले की यह बदहाल स्थिति अब स्थानीय निवासियों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। गंदे पानी का ठहराव, सड़ांध भरी दुर्गंध और बीमारियों का खतरा अब लोगों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बरसात का मौसम शुरू होते ही स्थिति और भी भयावह हो गई है। टूटे हुए नाले के कारण गंदा पानी सड़कों पर इकट्ठा हो रहा है, जिससे न केवल आवागमन में दिक्कत हो रही है, बल्कि मच्छरों और बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ गया है।
गंदे पानी की बदबू से जीना मुहाल
वहीं मोहल्ले के छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस दुर्गंध से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़े-गले कचरे और गंदे पानी की बदबू ने उनका जीना मुहाल कर दिया है। सांस लेने में तकलीफ, त्वचा रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं अब आम हो चली हैं।
काम की जगह केवल मिलता है आश्वासन
नगर पालिका परिषद देवरिया की उदासीनता इस मामले में साफ झलकती है। मोहल्ले वासियों का आरोप है कि जब वे अपनी शिकायत लेकर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अलका सिंह से मिलने जाते हैं, तो उन्हें कार्यालय में कोई जवाब नहीं मिलता। कर्मचारी सिर्फ यह कहकर टाल देते हैं कि उन्हें अध्यक्ष की उपलब्धता की जानकारी नहीं है। वहीं, स्थानीय सभासद भी केवल आश्वासन देते हैं कि "बजट जल्द आएगा" और "काम शुरू होगा।" लेकिन बरसात शुरू होने के बावजूद नाले की सफाई या मरम्मत का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
स्थानीय लोगों का गुस्सा अब चरम पर है। उनका कहना है कि नगर पालिका की लापरवाही के चलते नाले का गंदा पानी सड़कों पर फैल रहा है, जिससे हर तरफ गंदगी और दुर्गंध का आलम है। बरसात के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो गई है, क्योंकि पानी का ठहराव मच्छरों और बीमारियों को न्योता दे रहा है। निवासियों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सवाल यह है कि आखिर कब तक यह नाला अपनी बदहाली पर आंसू बहाएगा? और कब तक लोग इस दुर्गंध के साथ जीने को मजबूर होंगे? क्या नगर पालिका परिषद इस समस्या का समाधान कर पाएगी या यह मुद्दा सिर्फ आश्वासनों तक सीमित रहेगा?