जनपद को मिली 1053 मैट्रिक टन यूरिया की खेप, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत; जानिए पूरा अपडेट

खरीफ सीजन के बीच जनपद के किसानों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से यूरिया की कमी से जूझ रहे किसानों को अब बड़ी राहत मिलने जा रही है, क्योंकि सहकारिता विभाग को नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (NFL) की रैक से 1053 मैट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो गया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 11 July 2025, 6:05 PM IST
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Maharajganj: खरीफ सीजन के बीच जनपद के किसानों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से यूरिया की कमी से जूझ रहे किसानों को अब बड़ी राहत मिलने जा रही है, क्योंकि सहकारिता विभाग को नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (NFL) की रैक से 1053 मैट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो गया है। यह खेप नकहा जंगल रैक पॉइंट पर पहुंच चुकी है और आज से ही इसे जिले की उन सहकारी समितियों को भेजा जा रहा है, जहाँ यूरिया का स्टॉक शून्य या अत्यंत कम था।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार सहकारिता विभाग के एआर कोऑपरेटिव अधिकारी के अनुसार, यह यूरिया पकड़ी नौनिया, चीउरहा, पकड़ी खुर्द, दरौली, अहिरौली, बसवार, मुजुरी, भिटौली, हरखपुरा, कतरारी, सतगुरु, बेलवा टीकर, मधुबनी, चौमुखा, चौक, भुवनी, भागाटार, गोपाला सहित कुल 57 समितियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इस वितरण से किसानों को समय से उचित दर पर यूरिया प्राप्त हो सकेगा और उन्हें निजी विक्रेताओं के चंगुल में नहीं फंसना पड़ेगा।

बता दें कि महराजगंज जनपद को चार दिन पूर्व इफको की रैक से भी 1800 मैट्रिक टन यूरिया की खेप प्राप्त हुई थी, जिसका वितरण भी नियमानुसार किया गया था। जिलाधिकारी डॉ. ज्वाला प्रसाद की निगरानी में उर्वरकों के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी समितियों पर यूरिया का वितरण केवल पॉस मशीन के माध्यम से ही किया जाए। साथ ही किसानों को खाद आधार व खतौनी के सत्यापन के बाद ही उनके भूमि रकबे के अनुसार दिया जाए।

डीएम ने निजी उर्वरक विक्रेताओं द्वारा ओवररेटिंग (अधिक मूल्य वसूली) की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, संबंधित अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया है, जिससे किसान ठगी का शिकार न हों।

जनपद में कुल 90 साधन सहकारी समितियाँ, इफको के 3 किसान सेवा केंद्र और पीसीएफ का 1 सेवा केंद्र सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। सहकारिता विभाग द्वारा अब तक करीब 6600 मैट्रिक टन यूरिया की बिक्री की जा चुकी है। आज प्राप्त हुई खेप के माध्यम से यूरिया की उपलब्धता और बेहतर हो सकेगी।

प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे यूरिया का अनावश्यक भंडारण न करें, और जरूरत के अनुसार ही उर्वरक लें। साथ ही नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे वैज्ञानिक विकल्पों का अधिक उपयोग कर अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखें।

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