उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर को जमानत, जेल से नहीं आएंगे बाहर, जानिए क्यों?

उन्नाव रेप केस में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उम्रकैद की सजा निलंबित करते हुए जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तें भी लगाईं। कांग्रेस से बसपा और सपा होते हुए भाजपा तक का सफर तय करने वाले कुलदीप सेंगर को उत्तर प्रदेश के दलबदलू नेताओं में गिना जाता है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 23 December 2025, 5:36 PM IST
google-preferred

New Delhi: देश को झकझोर देने वाले उन्नाव रेप केस में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है। दोषी करार दिए जा चुके पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उसकी उम्रकैद की सजा फिलहाल निलंबित कर दी है और जमानत भी दे दी है। हालांकि सख्त शर्तों के साथ आए इस फैसले के बाद भी सेंगर की रिहाई पर सवाल बने हुए हैं। इस फैसले ने एक बार फिर उन्नाव केस को सुर्खियों में ला दिया है।

जमानत के साथ सख्त शर्तें

हालांकि कोर्ट ने जमानत देते हुए सख्त शर्तें भी लगाई हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि कुलदीप सिंह सेंगर पीड़िता के 5 किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा और जमानत की अवधि के दौरान दिल्ली में ही रहेगा। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की सुरक्षा और मानसिक शांति से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हालांकि इस जमानत के बावजूद सेंगर अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में 10 साल की सजा काट रहा है।

Video: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार, दिल्ली में आक्रोश, देखें कैसे टकराए पुलिस और प्रदर्शनकारी

उन्नाव केस दिल्ली क्यों पहुंचा?

दरअसल, 2017 में उन्नाव रेप केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। मामला तूल पकड़ने के बाद अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से जुड़े चार मामलों का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि केस की रोजाना सुनवाई हो और 45 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा किया जाए। इसके बाद दिसंबर 2019 में दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

पीड़िता की सुरक्षा पर जोर

ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया था कि वह पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए। इसमें पीड़िता की पहचान बदलने और परिवार की सहमति से सुरक्षित आवास की व्यवस्था भी शामिल थी। कोर्ट ने कहा था कि पीड़िता की जान और स्वतंत्रता सबसे पहले है।

Video: बांग्लादेश के खिलाफ सड़कों पर उतरा गुस्सा, दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़ंत

नाबालिग से जुड़ा था मामला

यह मामला 2017 का है, जब कुलदीप सेंगर और उसके साथियों पर 17 साल की नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का आरोप लगा था। जांच सीबीआई ने की थी और 20 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मौत तक जेल में रखने का आदेश दिया था। साथ ही उस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। इसके बाद उसकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई और भाजपा ने उसे पार्टी से निकाल दिया था।

कुलदीप सेंगर का सफर

कांग्रेस से बसपा और सपा होते हुए भाजपा तक का सफर तय करने वाले कुलदीप सेंगर को उत्तर प्रदेश के दलबदलू नेताओं में गिना जाता है। वह लगातार चार बार विधायक रहे और अपने राजनीतिक करियर में कभी चुनाव नहीं हारे। कुलदीप सेंगर ने उन्नाव जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटों से तीन बार जीत दर्ज की। उन्होंने 2002 में बसपा के टिकट पर सदर सीट से, 2007 में सपा से बांगरमऊ और 2012 में भगवंतनगर से चुनाव जीता। इसके बाद 2017 में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में बांगरमऊ सीट से विधायक बने।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 23 December 2025, 5:36 PM IST