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उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में स्थित बलरामपुर जिला सुबह घने कोहरे की चपेट में रहा। हिमालय की तलहटी के करीब होने के कारण यहाँ ठंड और कोहरे का दोहरा असर देखने को मिल रहा है। देर रात से ही जिले के मुख्य मार्ग बलरामपुर-तुलसीपुर सहित गोंडा रोड, बलरामपुर-बहराइच के साथ ग्रामीण अंचल की क्षेत्रों की सड़कों पर विज़िबिलिटी शून्य तक पहुँच गई, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ।
Balrampur: उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में स्थित बलरामपुर जिला सुबह घने कोहरे की चपेट में रहा। हिमालय की तलहटी के करीब होने के कारण यहाँ ठंड और कोहरे का दोहरा असर देखने को मिल रहा है। देर रात से ही जिले के मुख्य मार्ग बलरामपुर-तुलसीपुर सहित गोंडा रोड, बलरामपुर-बहराइच के साथ ग्रामीण अंचल की क्षेत्रों की सड़कों पर विज़िबिलिटी शून्य तक पहुँच गई, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ।
कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए भारी वाहनों को ढाबों पर ही रोक दिया गया। तुलसीपुर और पचपेड़वा की ओर जाने वाली बसों और निजी वाहनों की गति 10-15 किमी प्रति घंटा तक सिमट गई। वही बलरामपुर और बढ़नी रेल खंड पर चलने वाली ट्रेनों पर भी इसका असर पड़ा है। सिग्नल न दिखने के कारण कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं।
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घने कोहरे के चलते जहाँ आम जनजीवन कोहरे से परेशान है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों का कहना है कि यह 'सफेद ओस' और कोहरा गेहूं और सरसों की फसलों के लिए अमृत के समान है।
जिला प्रशासन ने वाहन चालकों को फॉग लाइट और इंडिकेटर का उपयोग करने तथा अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
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ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नगर पालिका ने प्रमुख चौराहों पर अलाव की व्यवस्था शुरू कर दी है।