

राजघाट थाना क्षेत्र के मिर्जापुर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, जिसमें टाटा कंपनी के ब्रांडेड उत्पादों के नाम पर नकली नमक, चाय पत्ती और फेवीक्विक बनाकर बेचे जा रहे थे। यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया, जब लगातार टाटा कंपनी को उपभोक्ताओं से शिकायतें मिलनी शुरू हुईं। पढिए पूरी खबर
गोरखपुर: राजघाट थाना क्षेत्र के मिर्जापुर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, जिसमें टाटा कंपनी के ब्रांडेड उत्पादों के नाम पर नकली नमक, चाय पत्ती और फेवीक्विक बनाकर बेचे जा रहे थे। यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया, जब लगातार टाटा कंपनी को उपभोक्ताओं से शिकायतें मिलनी शुरू हुईं। इसके बाद टाटा कंपनी की लीगल टीम ने राजघाट पुलिस के साथ मिलकर गुरुवार देर रात मिर्जापुर स्थित एक गोदाम पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में फर्जी रैपर, नमक, चाय पत्ती और फेवीक्विक जब्त किया गया।
क्या है पूरा मामला
लीगल एडवाइजर प्रभात कुमार गुप्ता ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा न केवल टाटा कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि कॉपीराइट कानून का भी उल्लंघन कर रहा था। उन्होंने कहा, "हमें गोपनीय सूचना मिली थी कि बड़े पैमाने पर नकली टाटा उत्पाद तैयार कर बाजार में सप्लाई किए जा रहे हैं। इस पर कार्रवाई के लिए राजघाट पुलिस के साथ संयुक्त टीम बनाई गई।" छापेमारी में पकड़े गए गोदाम से फर्जी रैपर सहित लाखों रुपये मूल्य का उत्पाद जब्त किया गया है।
मुकदमा दर्ज कर जांच तेज
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह गिरोह लंबे समय से यह अवैध कारोबार संचालित कर रहा था। नकली नमक और चाय पत्ती के अलावा फेवीक्विक भी फर्जी तरीके से पैक कर बेचा जा रहा था, जिससे न केवल कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि आम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा था। गोदाम को सील कर दिया गया है, और मामले में कॉपीराइट उल्लंघन, धोखाधड़ी, तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच तेज कर दी गई है।
भविष्य में भी ऐसे फर्जीवाड़ों पर नकेल
स्थानीय लोगों में इस खुलासे को लेकर गहरा आक्रोश है। कई लोग भय जता रहे हैं कि यदि यह फर्जी उत्पाद उपभोक्ता तक पहुंचते, तो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती थीं। उन्होंने पुलिस और टाटा कंपनी को कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं टाटा कंपनी ने चेतावनी दी है कि वह भविष्य में भी ऐसे फर्जीवाड़ों पर नकेल कसती रहेगी और ग्राहकों को केवल विश्वसनीय स्रोत से ही अपने उत्पाद खरीदने की सलाह दी है।
पुलिस अब इस रैकेट के मास्टरमाइंड और सप्लाई चेन का पता लगाने में जुटी है। विशेषज्ञों का कहना है कि जांच के दौरान और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो पूरे नेटवर्क को उजागर कर देंगे। इस कार्रवाई से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिली है, बल्कि बाजार में फर्जी उत्पादों के खिलाफ एक सशक्त संदेश भी गया है।
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