अचानक देवरिया बाल गृह पहुंची जजों की टीम, जिम्मेदार लोगों से किए सवाल-जवाब, जानें क्यों

देवरिया स्थित राजकीय बाल गृह में एक विशेष औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें जनपद न्यायाधीश राम मिलन सिंह के मार्गदर्शन में न्यायिक अधिकारियों की टीम ने बच्चों की व्यवस्था, भोजन, स्वास्थ्य और सफाई आदि पहलुओं की गहन समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान आवश्यक निर्देश भी दिए गए, जिससे बच्चों को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिल सके।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 25 August 2025, 10:37 PM IST
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Deoria: जनपद न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक विशेष टीम ने सोमवार को देवरिया स्थित राजकीय बाल गृह (बालक) का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण जनपद न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राम मिलन सिंह के मार्गदर्शन में किया गया। जिसका उद्देश्य बाल गृह में रह रहे बच्चों की देखभाल, पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्थाओं का आकलन करना था।

ये वरिष्ठ लोग भी मौजूद रहे

निरीक्षण दल की अगुवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमवीर सिंह ने की, जो आश्रय गृह (बालक) की अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष भी हैं। उनके साथ समिति के अन्य सदस्य अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनोज कुमार तिवारी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी और सिविल जज (जू.डी.) कुमारी मृणालिनी श्रीवास्तव भी मौजूद रहीं।

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मौके पर इन वरिष्ठ लोगों न क्या-क्या किया?

निरीक्षण के दौरान न्यायाधीशों ने बच्चों की मूलभूत आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमवीर सिंह ने बच्चों के लिए समय पर पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाल गृह में व्याप्त साफ-सफाई की स्थिति की समीक्षा की और जहां सुधार की आवश्यकता पाई। वहां संबंधित कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि व्यवस्था में तत्काल सुधार लाया जाए।

भोजन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े

मनोज कुमार तिवारी ने भंडार कक्ष और भोजन निर्माण क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। बच्चों को नियमित रूप से ताजे फल और साफ-सुथरे वस्त्र उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने बच्चों के लिए स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन को ठोस दिशा-निर्देश दिए।

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स्वास्थ्य भी जरूरी

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी ने बच्चों के स्वास्थ्य और फिटनेस से जुड़े पहलुओं पर बात की। उन्होंने नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, एक्सरसाइज और योग जैसी गतिविधियों को बाल गृह में नियमित रूप से लागू करने का सुझाव दिया, जिससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास सुनिश्चित हो सके।

पढ़ाई भी तो बेहतर होनी चाहिए

वहीं, सिविल जज (जू.डी.) मृणालिनी श्रीवास्तव ने अध्ययन कक्ष, पुस्तकालय और परिसर की साफ-सफाई पर विशेष फोकस किया। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और पढ़ाई के लिए एक प्रेरणादायक वातावरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

आगे भी ऐसी होगा निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान राजकीय बाल गृह के प्रभारी अधीक्षक, सहयोगी कर्मचारी और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने टीम को बाल गृह की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया और सुधार के लिए अपने सुझाव भी साझा किए।

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