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संभल जिले में शनिवार को हुई एक भयावह घटना में एक लाइनमैन हाईवोल्टेज तार से करंट की चपेट में आ गया। करीब 20 मिनट तक खंभे से झूलता रहा, उसकी त्वचा और मांस झुलस गए।
संभल में हाईवोल्टेज तार से करंट लगने का भयानक हादसा
Sambhal: संभल जिले के कोतवाली क्षेत्र के शहबाजपुर सूरा नगला गांव में रविवार को एक भयावह घटना ने स्थानीय लोगों और बिजली विभाग दोनों को स्तब्ध कर दिया। यहां बिजली विभाग की ओर से ठेके पर 11 हजार वोल्ट की लाइन खींचने का काम किया जा रहा था, जिसमें मुरादाबाद के सोनकपुर निवासी 32 वर्षीय लाइनमैन आशीष शामिल था। घटना के तुरंत बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। उस समय जो दृश्य उपस्थित लोगों ने देखा, वह न सिर्फ दिल दहलाने वाला था, बल्कि इससे जुड़ी खामियों और लापरवाहियों का भी पर्दाफाश हुआ।
क्या है पूरा मामला?
शाम करीब 1 बजे आशीष खंभे पर चढ़कर हाईवोल्टेज तार जोड़ रहा था। उसके साथी नीचे और आसपास के कर्मचारी उसकी सहायता कर रहे थे। यह काम बिजलीघर से पहले शटडाउन लेकर किया जा रहा था, ताकि करंट का खतरा कम हो। लेकिन तभी अचानक, हाई वोल्टेज करंट लाइन में प्रवाहित हो गया। घटना के तुरंत बाद, आशीष खंभे से चिपक गया। उसकी चीखें चारों ओर गूंजने लगीं, लेकिन हाईवोल्टेज के कारण कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आ पाया।
करीब 20 मिनट तक आशीष खंभे से चिपका रहा, वह हाथ-पैर हिलाता रहा, लेकिन करंट का झटका इतना तेज था कि उसकी जांघ और कंधे का मांस गहराई तक कट गया। उसकी त्वचा झुलस गई और शरीर के कई हिस्सों में जलन की शिकायत हुई। उसकी हालत इतनी गंभीर हो गई कि उसके शरीर में करंट इतना प्रवेश कर गया कि तार करीब 2 इंच अंदर तक धंस गया। उसकी जांघ और कंधे पर गहरी चोटें आईं, जिससे खून बहने लगा।
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सूचना मिलते ही बिजली विभाग ने तुरंत ही सप्लाई बंद कराई और स्थानीय लाइनमैनों और कर्मचारियों ने रस्सी के सहारे आशीष को खंभे से नीचे उतारा। उसे तत्काल ही संभल के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां करीब 22 घंटे तक उसका इलाज चला, लेकिन उसकी हालत स्थिर नहीं हुई। हालत गंभीर होने के कारण, डॉक्टरों ने रविवार दोपहर उसे मेरठ के अस्पताल रेफर कर दिया।
यह भयावह घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर रविवार को सामने आया है। इस 27 सेकेंड के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे आशीष खंभे से लटक रहा है, उसके शरीर पर करंट की चिंगारियां निकल रही हैं और तारों से धुंआ उठ रहा है। वीडियो ने न केवल घटना को उजागर किया है, बल्कि बिजली विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं।
इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि काम के दौरान उन्हें कोई सुरक्षा किट नहीं दी गई थी। यदि सुरक्षा उपकरण मौजूद होते तो शायद इतनी बड़ी दुर्घटना टल जाती। वहीं, घटना के समय बिजली विभाग का शटडाउन भी सही तरीके से नहीं किया गया था, जिससे करंट का खतरा बना रहा।
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ग्राम प्रधान के बेटे जीशान ने बताया कि, "काम शुरू करने से पहले शटडाउन लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद करंट आ गया।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि सुरक्षा नियमों का पालन किया गया होता, तो यह दुर्घटना नहीं होती।
मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने नियमों का पालन किया, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही से यह घटना हुई। वहीं, एक्सईएन नवीन गौतम से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। इस दुर्घटना ने फिर से यह साबित किया है कि प्रशासनिक खामियों और लापरवाहियों के कारण कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।