

सोनभद्र के ओबरा स्थित निर्माणाधीन ओबरा सी दूसान कंपनी में कार्यरत सविंदा मज़दूर एक बार फिर बकाया मज़दूरी को लेकर लामबंद हो गए।
नाराज़ मज़दूरों ने किया प्रदर्शन
सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के ओबरा स्थित निर्माणाधीन ओबरा सी दूसान कंपनी में कार्यरत सविंदा मज़दूर एक बार फिर बकाया मज़दूरी को लेकर लामबंद हो गए। 3 माह से अधिक बीत जाने के बाद भी वेतन न मिलने से आक्रोषित मज़दूर कार्य से इत्तर गांधी मैदान में इक्क्ठा हुए।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, अधिकारियों से बात न बनने पर ओबरा थाने मज़दूर लामबंद होकर पहुंचे। लेकिन मज़दूरों को वहां से तहसील जाकर एसडीएम से के सामने समस्या बताने के लिए कहा गया। थके हारे परेशान मजदूर अखिल करते भी तो क्या पैदल ही हो तहसील पहुंचे लेकिन वहां एसडीएम से मुलाक़ात तक नहीं हो सकी।
भुखमरी की समस्या उत्पन्न
जानकारी के मुताबिक, मज़दूरों ने कहा मज़दूरी न मिलने से भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गईं है। बच्चों का फीस से लेकर अन्य आवश्यकता की चीज़ों को पूरा नहीं कर पाने से मज़दूर अपने आपको ठगा महसूस कर रहे है। ओबरा में चार कंपनियों के लगभग 500 संविदा मजदूरों का वेतन पिछले तीन महीने से रुका हुआ है। मजदूरों ने पहले थाने में शिकायत की। वहां से उन्हें एसडीएम कार्यालय भेज दिया गया। एसके इलेक्ट्रिकल सहित अन्य पेटी कॉन्ट्रैक्टर कंपनियों के मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार भुगतान की कोई निश्चित तिथि नहीं बता रहे हैं।
मजदूरों को पैसों की सख्त जरूरत
ठेकेदारों का कहना है कि उन्हें खुद भुगतान मिलने के बाद ही मजदूरों को वेतन दे पाएंगे। स्थानीय मजदूर संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि बाहर से आए मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय मजदूरों को भी पैसों की सख्त जरूरत है। मजदूरों का आरोप है कि दुसान कंपनी ने पेटी ठेकेदारों को भुगतान कर दिया है, फिर भी उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। मजदूरों ने बताया कि विरोध प्रदर्शन करने पर सीआईएसएफ के जवानों को बुला लिया जाता है। सीआईएसएफ की तैनाती के बाद से कंपनी की मनमानी बढ़ गई है। पहले मजदूरों की सुनवाई हो जाती थी, लेकिन अब कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। अधिकारी उनकी समस्याओं का संज्ञान नहीं ले रहे हैं।
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