वेतन के इंतजार में टूटी हिम्मत… मेडिकल कॉलेज के सफाईकर्मी बोले- तीन महीने से रोटी तक नसीब नहीं

सोनभद्र के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में निजी कंपनी के अधीन काम करने वाले सफाईकर्मी तीन महीने से वेतन न मिलने से आक्रोशित हैं। हाथों में झाड़ू लेकर कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया, जिससे अस्पताल परिसर में चारों ओर गंदगी फैल गई। कर्मचारी बोले- जब तक मांगे नहीं मानी जातीं, सफाई कार्य नहीं होगा।

Updated : 12 November 2025, 12:36 PM IST
google-preferred

Sonbhadra: जिले के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (Government Medical College, Sonbhadra) में बुधवार सुबह सफाई कर्मचारियों ने कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया। निजी कंपनी के अधीन कार्यरत ये कर्मचारी पिछले तीन माह से वेतन न मिलने, वेतन वृद्धि, पे-स्लिप और ईएसआई (ESI) सुविधा जैसी बुनियादी मांगों को लेकर आक्रोशित हैं। हड़ताल की वजह से अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है और वार्डों से लेकर ओपीडी तक गंदगी फैल गई है।

तीन महीने से वेतन नहीं, परिवार चलाना हुआ मुश्किल

मेडिकल कॉलेज में कार्यरत करीब 40 से अधिक सफाईकर्मी निजी कंपनी के अधीन काम कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले तीन महीनों से एक भी वेतन नहीं मिला। इस कारण उनके घरों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। परिवार चलाना, बच्चों की फीस भरना और राशन-पानी का खर्च उठाना भी मुश्किल हो गया है। सफाईकर्मी ने बताया कि तीन महीने से वेतन न मिलने के कारण वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, "हम रोज अस्पताल को साफ-सुथरा रखते हैं, मरीजों की सेवा में दिन-रात लगे रहते हैं, लेकिन जब तीन महीने तक वेतन नहीं मिलता तो घर में चूल्हा कैसे जले?"

Sonbhadra News: आशा संगिनियों ने लंबित भुगतान और प्रोत्साहन राशि को लेकर CHC में किया प्रदर्शन

हाथों में झाड़ू लेकर एल-2 गेट पर किया प्रदर्शन

बुधवार को सुबह से ही सफाईकर्मी एल-2 गेट पर झाड़ू और पोछा लेकर धरने पर बैठ गए। सभी कर्मचारियों ने 'वेतन दो - न्याय दो', 'सफाईकर्मी भूखा है, प्रशासन सोया है' जैसे नारे लगाते हुए विरोध जताया।
इस दौरान सफाईकर्मियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक सफाई कार्य पूरी तरह बंद रहेगा। अस्पताल के वार्ड, गलियारे और ओपीडी क्षेत्र में गंदगी फैलने लगी है, जिससे मरीजों और तीमारदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Sonbhadra News

हड़ताल पर बैठे सफाईकर्मी

'7800 रुपये में गुजर-बसर असंभव'- बढ़ती महंगाई में बढ़ी तकलीफ

कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें फिलहाल 7800 रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है, जो आज की महंगाई के दौर में बेहद कम है। कर्मचारी अनीता, कलावती, लीलावती और शेषमणि ने कहा कि 7800 रुपये में किसी परिवार का गुजारा असंभव है। वेतन समय से न मिलना तो एक बड़ी परेशानी है ही, लेकिन इतना कम भुगतान मिलना अपने आप में अन्याय है। उन्होंने मांग की कि कम से कम ₹15,000 प्रतिमाह वेतन तय किया जाए और सभी कर्मचारियों को पे स्लिप, ईएसआई और पीएफ जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जाएं।

निजी कंपनी पर लापरवाही का आरोप

सफाईकर्मियों ने निजी कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कंपनी समय पर वेतन नहीं देती और शिकायत करने पर कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी और कॉलेज प्रशासन के बीच समन्वय की कमी के कारण उनका शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन अगर चाहे तो कंपनी पर कार्रवाई कर सकता है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

मरीजों और परिजनों को झेलनी पड़ रही परेशानी

हड़ताल का असर सीधे तौर पर अस्पताल की सफाई व्यवस्था पर पड़ा है। वार्डों, शौचालयों और कॉरिडोर में गंदगी फैल गई है। मरीजों के परिजन भी इस अव्यवस्था से परेशान हैं। एक मरीज के परिजन ने बताया, 'सुबह से अस्पताल में सफाई नहीं हुई है। कचरा भरा पड़ा है, बदबू आ रही है। बीमार लोगों के लिए यह माहौल खतरनाक है।' डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने भी चिंता जताई कि सफाई व्यवस्था ठप रहने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

Sonbhadra News: आशा संगिनियों ने लंबित भुगतान और प्रोत्साहन राशि को लेकर CHC में किया प्रदर्शन

प्रशासन ने कहा- कंपनी को दिया गया नोटिस

मामले में अस्पताल प्रशासन ने कहा कि निजी कंपनी को कर्मचारियों के बकाया भुगतान को लेकर नोटिस जारी किया गया है। प्रबंधन ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें वाजिब हैं और जल्द समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि हड़ताल से मरीजों की सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

Location : 
  • Sonbhadra

Published : 
  • 12 November 2025, 12:36 PM IST