

सोनभद्र जिला अस्पताल में सफाई कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन और नौकरी की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें कम वेतन दिया जा रहा है और आवाज उठाने पर धमकियां मिलती हैं।
सफाईकर्मियों का प्रदर्शन
Sonbhadra: जिले के मुख्य जिला अस्पताल में कार्यरत सफाई कर्मचारियों ने शुक्रवार को वेतन वृद्धि की मांग को लेकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। ये कर्मचारी पिछले कई महीनों से अपनी न्यूनतम वेतन मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन उन्हें सुनवाई के बजाय धमकियां मिल रही हैं।
प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वे 26 दिन काम करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें केवल 7,530 रुपय का वेतन दिया जा रहा है, जबकि उनका मूल वेतन 7,800 रुपय होना चाहिए। कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि उन्हें कम से कम 12,000 रुपय मासिक वेतन दिया जाए, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण सम्मानपूर्वक कर सकें।
#सोनभद्र जिला अस्पताल में सफाई कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन और नौकरी की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें कम वेतन दिया जा रहा है और आवाज उठाने पर धमकियां मिलती हैं।#Sonbhadranews #HospitalStrike #WorkerProtest pic.twitter.com/PAetxuzORL
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 29, 2025
कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना काल में जब सभी लोग अपने घरों में सुरक्षित थे, तब यही सफाई कर्मी मरीजों के बीच रहकर अपनी जान जोखिम में डालकर अस्पताल की सफाई और मरीजों की देखभाल कर रहे थे। उस समय उन्हें 'कोरोना योद्धा' कहा गया, लेकिन अब उन्हीं को प्रताड़ित किया जा रहा है।
प्रदर्शन में शामिल एक महिला सफाईकर्मी ने कहा, हम सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक लगातार अस्पताल में सफाई करते हैं। कोरोना के समय हमें योद्धा कहा गया, लेकिन अब हम अपने हक की बात करते हैं तो नौकरी से निकालने की धमकी मिलती है।
सफाईकर्मियों को नहीं मिल रहा वाजिब वेतन
कर्मचारियों का आरोप है कि वर्तमान में अस्पताल प्रबंधन द्वारा नियुक्त निजी ठेका कंपनी मजदूरों का शोषण कर रही है। कंपनी न सिर्फ तय वेतन से कम भुगतान कर रही है, बल्कि नियमित कार्य के बावजूद नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है। एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि, हमारे पास कोई लिखित अनुबंध नहीं है। जब भी किसी मुद्दे पर आवाज़ उठाते हैं तो कंपनी के प्रतिनिधि कहते हैं कि नौकरी छोड़ दो, तुम्हारे जैसे और मिल जाएंगे।
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी शांतिपूर्वक धरने पर बैठे रहे और उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की कि उनकी बात सुनी जाए और स्थायी रूप से वेतन वृद्धि की व्यवस्था की जाए। साथ ही, ठेका प्रथा को समाप्त कर सफाई कर्मचारियों को सीधे सरकारी नियुक्ति देने की भी मांग की गई।
जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं सुना गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। यह मामला अब स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के समक्ष पहुंच गया है। अब देखना यह है कि सरकार इन सफाई योद्धाओं की आवाज को कितना गंभीरता से लेती है।