

गोरखपुर में डग्गामार बसों के खिलाफ रोडवेज कर्मियों का गुस्सा फूटा पड़ा। आज सुबह सैकड़ों कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला और प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों का कहना है कि निजी बसें यात्रियों को जबरन बैठाकर रोडवेज को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रही हैं।
रोडवेज कर्मियों ने किया प्रदर्शन
Gorakhpur: आज सुबह गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया जब उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) के कर्मचारियों ने डग्गामार बसों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सुबह लगभग 8:30 बजे से शुरू हुआ यह प्रदर्शन बस स्टैंड से शुरू होकर यूनिवर्सिटी चौराहा होते हुए जिला अधिकारी कार्यालय तक पहुंचा, जहां कर्मचारियों ने जमकर "प्रशासन मुर्दाबाद" और "डग्गामार बसों का बहिष्कार" जैसे नारे लगाए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि बस स्टेशन के बाहर खड़ी डग्गामार (अवैध रूप से चलने वाली निजी) बसें रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन के बाहर से यात्रियों को बैठा लेती हैं। इससे रोडवेज को न सिर्फ भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर भी संकट गहराने लगा है।
सावन और त्योहारी सीजन में बढ़ता दबाव
कर्मचारियों ने बताया कि सावन के इस पावन महीने में और आगामी त्योहारों को देखते हुए यात्रियों की संख्या में काफी इजाफा होता है। इस समय रोडवेज को अधिक आय मिलने की संभावना रहती है, लेकिन डग्गामार बसें अवैध रूप से यात्रियों को बिठाकर रोडवेज का सीधा नुकसान कर रही हैं। यही वजह है कि कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
प्रदर्शन कर रहे रोडवेज कर्मियों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। जिससे अवैध बस संचालकों के हौसले और बढ़ गए हैं। कई बार शिकायत करने पर भी न तो चालान होता है और न ही इन वाहनों को रोका जाता है।
कर्मचारियों की मांगें
डग्गामार बसों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए।
गोरखपुर बस स्टेशन व रेलवे स्टेशन पर यात्री प्रबंधन को सख्त किया जाए।
रोडवेज की आय को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन कदम उठाए।
दोषी अधिकारियों और डग्गामार बस संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस खबर के लिखे जाने तक जिला अधिकारी कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि डग्गामार बसों पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े पैमाने पर हड़ताल का रास्ता अपना सकते हैं।