

जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको पढ़कर आपके होश उड़ जाएंगे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
नोएडा: थाना सेक्टर-36 क्षेत्र में एक चौंकाने वाला साइबर क्राइम का मामला सामने आया है। जहां भारतीय वायु सेना के एक रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट में रखकर एक करोड़ रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने खुद को सरकारी एजेंसी के अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में नाम आने का डर दिखाया और पीड़ित को 22 दिनों तक मानसिक दबाव में रखते हुए धीरे-धीरे उसकी जमा पूंजी छीन ली।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जेवर निवासी 59 वर्षीय मिश्री लाल भारतीय वायु सेना से रिटायर हो चुके हैं। मिश्री लाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 17 मई को उन्हें एक अनजान नंबर से "राजेश शर्मा" नामक व्यक्ति का कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुआ है, जो वित्त मंत्रालय से संबंधित है।
कॉल ट्रांसफर के बाद बड़ा खेला शुरू
कुछ ही देर में कॉल एक अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर कर दी गई, जिसने खुद को मुंबई के कोलाबा थाने का पुलिस अधिकारी बताया। उसने मिश्री लाल को बताया कि उनके खिलाफ केस दर्ज हो चुका है और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी और संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
पूरे परिवार को जेल भेजने की धमकी
इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल की और वित्त मंत्रालय के नाम से फर्जी दस्तावेज भेजे, जिनमें उनके खिलाफ लगे आरोपों और गिरफ्तारी के आदेश का जिक्र था। इस दौरान लगातार उन्हें बताया गया कि देश की कई जांच एजेंसियां उन पर नजर रख रही हैं और वह अगर किसी को इस बारे में बताएंगे तो उनके पूरे परिवार को जेल में डाल दिया जाएगा।
दिन में 2-3 घंटे की ‘छूट’, कॉल पर रखी जाती थी निगरानी
पीड़ित मिश्री लाल ने बताया कि वह मानसिक रूप से इतने आतंकित हो चुके थे कि बाहर निकलते वक्त भी ठग उन्हें कॉल पर बनाए रखते थे। केवल दिन में 2-3 घंटे ही उन्हें आराम करने की अनुमति दी जाती थी। इसके अलावा लगातार धमकियां दी जा रही थीं कि अगर सहयोग नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई तत्काल शुरू कर दी जाएगी।
22 दिन तक डर में जीते रहे, 6 खातों में ट्रांसफर किए पैसे
मिश्री लाल ने बताया कि राजेश शर्मा नामक व्यक्ति ने उन्हें कई बैंकों एचडीएफसी, एसबीआई और एबीडी बैंक के छह खातों में धीरे-धीरे पैसे ट्रांसफर करने को कहा। डर और भ्रम की स्थिति में रहते हुए उन्होंने 20 मई से 12 जून के बीच कुल एक करोड़ दो हजार रुपये इन खातों में ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद 13 जून को जब उन्होंने संबंधित नंबर पर दोबारा कॉल की तो वह बंद मिला। इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि वह किसी बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं। फिर 14 जून को उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।
एफआईआर दर्ज, बैंक खातों की हो रही जांच
मिश्री लाल ने ठगों द्वारा भेजे गए सभी दस्तावेज, कॉल रिकॉर्डिंग और बैंक ट्रांजैक्शन डिटेल्स पुलिस को सौंप दी हैं। उन्होंने गुहार लगाई है कि उनकी जीवनभर की कमाई को जल्द से जल्द वापस दिलाया जाए। थाना सेक्टर-36 अंतर्गत साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जिन छह खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई, उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने देशभर के उन बैंकों से संपर्क साधा है, जहां ये खाते खोले गए थे।
(यदि आपने भी इस तरह की किसी कॉल या धमकी का सामना किया हो तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।)