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पति-पत्नी के बीच आधे-आधे खर्च करने को लेकर विवाद हो गया है, जो अब तलाक की ओर बढ़ चुका है। पत्नी का कहना है कि पति को पूरा खर्च उठाना चाहिए, जबकि पति खर्चों को बराबरी से बांटने की बात करता है। पुलिस के समझाने के बाद भी कोई सुधार नहीं।
खर्च पर पति-पत्नी में दरार
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख क्षेत्र में एक अजीब मामला सामने आया है, जिसमें एक पति और पत्नी के बीच घर के खर्च को लेकर विवाद हुआ है। पत्नी का आरोप है कि पति बाहर खाने या शॉपिंग पर जाने के दौरान उसके हिस्से का पैसा देने की बात करता है। यह विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ा कि दोनों के रिश्ते में तनाव आ गया और अंततः मामला तलाक तक जा पहुंचा।
दीपक और आरती, दोनों आईआईएम से एमबीए करने के बाद मलेशिया की एक एमएनसी कंपनी में अच्छी-खासी नौकरी करते हैं। दोनों की तनख्वाह अच्छी है, लेकिन घर के खर्च को लेकर उनकी सोच अलग-अलग है। पति चाहता है कि दोनों मिलकर खर्च उठाएं, जबकि पत्नी का मानना है कि पति को पूरा खर्च उठाना चाहिए।
पत्नी का कहना है कि शुरुआत में जब वह और पति बाहर जाते थे, तो वह अपने हिस्से का पैसा देती थी, लेकिन अब जब पति उसे अपना हिस्सा देने की बात करता है, तो वह इसे महिला अधिकारों का उल्लंघन मानती है। उसका कहना है कि जब वह अपने खर्च का पैसा वापस मांगती है, तो पति महिला शक्तिकरण का हवाला देता है, जो विवाद को और बढ़ा देता है।
बिसरख कोतवाली पुलिस ने दोनों पति-पत्नी को समझाने की कोशिश की, लेकिन दोनों के बीच खींचतान इतनी बढ़ चुकी थी कि पुलिस भी उन्हें सुलह नहीं करा पाई। पुलिस ने बताया कि घर के खर्च को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि दोनों तलाक लेने का मन बना चुके हैं।
यह मामला महिला अधिकारों की एक नई बहस को जन्म देता है, जिसमें महिला यह चाहती है कि पति उसका पूरा खर्च उठाए, और उसकी स्थिति में कोई अंतर न आए। हालांकि, पति का मानना है कि घर के खर्चों को दोनों को बराबरी से उठाना चाहिए।
अंततः, यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों तलाक लेने की ओर बढ़े। उनका तर्क है कि यदि खर्चों के मामले में आपसी समझ नहीं बन सकती, तो रिश्ते को खत्म कर देना ही बेहतर होगा।