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कोडीनयुक्त कफ सिरप के घोटाले में जिले की अजय फॉर्मा का नाम भी सामने आया है। उन्नाव में एक साल पहले बंद हुए मेडिकल स्टोर के नाम कफ सिरप की बिक्री की गई थी जिसके जरिये लाखों रुपए कीमत के सिरप तस्करी की आशंका जताई गई है।
ड्रग इंस्पेक्टर शीवेंद्र प्रताप सिंह
Raebareli: रायबरेली प्रदेश में उजागर हुए कोडीनयुक्त कफ सिरप के घोटाले में जिले की अजय फॉर्मा का नाम भी सामने आया है। उन्नाव में एक साल पहले बंद हुए मेडिकल स्टोर के नाम कफ सिरप की बिक्री की गई थी जिसके जरिये लाखों रुपए कीमत के सिरप तस्करी की आशंका जताई गई है। रायबरेली में अजय फार्मा के संचालक ने फर्जी बिल काटे थे। जिसने बंद दुकानों के नाम बिल बनाये। इस काम मे बिहार से लेकर बांग्लादेश तक तस्करी हुई। वहीं लालगंज में मेडिसिन हाउस का संचालक फरार है। अजय फार्मा के संचालक दिवाकर सिंह पर FIR दर्ज हो चुकी है।
अब तक की जांच में चौंकाने वाले सच सामने आए हैं। संचालक ने छह लाख शीशी सिरप खपा दी है। लखनऊ के साथ ही उन्नाव, श्रावस्ती आदि जिलों में अवैध तरीके से सिरप की आपूर्ति की गई है।
लेकिन प्रथमदृष्टया जांच में कई मेडिकल स्टोर संचालकों ने सिरप लेने से इन्कार किया है। लालगंज का एक मेडिकल स्टोर स्टोर संचालक भी फरार है। अब तक फॉर्मा समेत दो दुकानों को सील किया जा चुका है। जांच में बड़े खुलासे की उम्मीद है।
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शहर के कल्लू का पुरवा स्थित अजय फाॅर्मा के संचालक ने पिछले 10 माह में लखनऊ की एक एजेंसी से करीब 65 लाख रुपये कीमत की छह लाख कोडीनयुक्त सिरप खरीदी थी। बीते 14 अक्तूबर को जांच के लिए एजेंसी को खोलने के बाद फिर सील कर दिया गया। एजेंसी से मिली दवा की बिक्री के रिकॉर्ड के आधार पर खीरों में सेमरी-सरेनी रोड स्थित मेडिसिन हाउस में छापा मारने के बाद उसे सील कर दिया गया।
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ड्रग इंस्पेक्टर शीवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि अजय फॉर्मा से मिले दस्तावेजों के आधार पर जांच हो रही है। अजय फार्मा के संचालक दिवाकर सिंह के खिलाफ मिल एरिया थाना में एफआईआर दर्ज है। संबंधित जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आते ही मामले को खुलासा किया जाएगा। अजय फॉर्मा ने कफ सिरप की अवैध रूप से आपूर्ति की है। इसके कई साक्ष्य मिल चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मेडिसिन हाउस लालगंज के प्रियांशु गौतम के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है उन्होंने बताया कि उन्नाव की अंबिका फार्मा के नाम से भी बिल जनरेट किए गए थे। जबकि उस फार्मा की जगह वहां एक कोचिंग चल रही है। यहां पर लक्ष्मी फार्मा के नाम से बिल जेनरेट हुए जो की 1 साल से बंद हो रखी थी इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है।