हिंदी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भले ही अभी कुछ समय दूर हों, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने तैयारी पहले से ही तेज़ कर दी है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए मतदाता पुनरीक्षण अभियान शुरू कर दिया है, जिसका हिस्सा बनने के लिए निर्वाचन अधिकारियों का एक बड़ा समूह हाल ही में मेरठ से लेकर वाराणसी तक विभिन्न जिलों से एक दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल हुआ।
उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले मतदाता सूची में सुधार
Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भले ही अभी कुछ समय दूर हों, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने तैयारी पहले से ही तेज़ कर दी है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए मतदाता पुनरीक्षण अभियान शुरू कर दिया है, जिसका हिस्सा बनने के लिए निर्वाचन अधिकारियों का एक बड़ा समूह हाल ही में मेरठ से लेकर वाराणसी तक विभिन्न जिलों से एक दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल हुआ।
चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य यह है कि मतदाता सूची में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, और हर चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो। इस संदर्भ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने स्पष्ट रूप से कहा कि मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि या गलतियों की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान नए बदलावों और सुधारों की जानकारी दी, ताकि आगामी चुनाव बिना किसी अव्यवस्था के हो सकें।
इस पुनरीक्षण अभियान में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को सुगम और परेशानी-मुक्त बनाना है।
इन सुधारों को लागू करने की जिम्मेदारी अब जिला निर्वाचन अधिकारियों के कंधों पर है। वे समय-समय पर राजनीतिक दलों के साथ बैठकें करेंगे, ताकि मतदाता सूची में कोई भी गलती न हो और चुनाव प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी हो।
चुनाव आयोग ने जनता से अपील की है कि वे फॉर्म-6 (नया नाम जोड़ने), फॉर्म-7 (नाम हटाने) और फॉर्म-8 (जानकारी में सुधार) में सही-सही जानकारी भरें। इससे न सिर्फ चुनाव प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी होगी, बल्कि मतदाताओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस पुनरीक्षण अभियान से यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग पूरी कोशिश कर रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव बिना किसी गड़बड़ी के, और पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से संपन्न हो।