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विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने “विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण 2025” की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गोरखपुर की खजनी तहसील में एसडीएम राजेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में तैयारियां तेज हैं।
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Gorakhpur: आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को त्रुटिरहित और अद्यतन बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने “विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) 2025” की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत प्रदेशभर में मतदाता सूची के शुद्धिकरण, अद्यतन और सुधार का कार्य अभियान के रूप में संचालित किया जा रहा है।
निर्वाचन आयोग द्वारा 27 अक्टूबर 2025 को जारी कार्यक्रम के अनुसार यह अभियान मतदाता सूची को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से चलाया जाएगा ताकि आगामी चुनावों में किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से न छूटे।
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खजनी तहसील में तैयारियां जोरों पर
गोरखपुर जनपद की खजनी तहसील में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) राजेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम की तैयारियां पूरी गति से चल रही हैं। इसी क्रम में तहसील सभागार में शुक्रवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भाजपा से शैलेन्द्र सिंह, कांग्रेस के प्रदेश सचिव (विधि प्रकोष्ठ) सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, ब्लाक अध्यक्ष उरुआ सूर्यनारायण यादव, विक्रमादित्य प्रसाद, समाजवादी पार्टी के खरभान यादव, बसपा के पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश और महानन्द गौतम सहित कई दलों के प्रमुख नेता उपस्थित रहे।
निर्वाचन कार्यक्रम का विस्तृत टाइम-टेबल घोषित
बैठक के दौरान एसडीएम राजेश प्रताप सिंह ने निर्वाचन आयोग द्वारा तय समय-सारणी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025 तक पुनरीक्षण की तैयारी, प्रशिक्षण और गणना प्रपत्रों का मुद्रण किया जाएगा। 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2025 तक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करेंगे और विवरण एकत्र करेंगे। 9 दिसम्बर 2025 को निर्वाचक नामावली का प्रारूप प्रकाशित किया जाएगा। 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियाँ स्वीकार की जाएंगी। 31 जनवरी 2026 तक सभी दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 7 फरवरी 2026 को अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी।
बीएलओ की भूमिका अहम
एसडीएम सिंह ने कहा कि इस अभियान में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर लगभग 1,000 मतदाताओं के लिए एक बीएलओ नियुक्त किया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्येक घर कम से कम तीन बार जाकर जानकारी सत्यापित करें। मृत या स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करें और सभी रिकॉर्ड को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपडेट करें।
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राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील
एसडीएम ने बैठक में सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने-अपने बूथ एजेंटों के माध्यम से इस प्रक्रिया में प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और सहायक ईआरओ (एईआरओ) के निर्देशन में यह अभियान पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराया जाएगा।
लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की पहल
बैठक के अंत में एसडीएम खजनी ने कहा कि निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे। उन्होंने कहा, “त्रुटिरहित और अद्यतन मतदाता सूची ही लोकतंत्र की सशक्त नींव है। यह हर नागरिक का अधिकार और जिम्मेदारी दोनों है कि वह सुनिश्चित करे कि उसका नाम मतदाता सूची में शामिल हो।” उन्होंने बताया कि प्रशासन इस पुनरीक्षण अभियान को जनसहयोग के माध्यम से सफल बनाने के लिए संकल्पित है। निर्वाचन आयोग को उम्मीद है कि इस विशेष अभियान से मतदाता सूची अधिक सटीक, विश्वसनीय और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप तैयार की जा सकेगी।