गोरखपुर: मंडल में जेई-एईएस टास्क फोर्स की सख्त समीक्षा, बेवजह रेफरल पर होगी कार्रवाई

मंडलायुक्त अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार, गोरखपुर में जेई/एईएस (जापानी इंसेफेलाइटिस/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) टास्क फोर्स की मंडलीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जेई/एईएस की रोकथाम, उपचार व्यवस्था, रेफरल प्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर गहन समीक्षा की गई। पढिए पूरी खबर

गोरखपुर:  मंडलायुक्त अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार, गोरखपुर में जेई/एईएस (जापानी इंसेफेलाइटिस/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) टास्क फोर्स की मंडलीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जेई/एईएस की रोकथाम, उपचार व्यवस्था, रेफरल प्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर गहन समीक्षा की गई। मंडलायुक्त ने दो टूक शब्दों में कहा कि मरीजों को बिना ठोस कारण के रेफर करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।

क्या है पूरी खबर?

बैठक में कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज और गोरखपुर जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, देवरिया, कुशीनगर व महाराजगंज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गोरखपुर के सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी, एडी हेल्थ, सीएमओ डॉ. राजेश झा सहित स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने कहा कि जेई/एईएस जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए विभागीय समन्वय सबसे अहम है। उन्होंने सभी सीएमओ को निर्देशित किया कि अस्पतालों में आने वाले प्रत्येक मरीज को समय पर, समुचित और गुणवत्तापूर्ण उपचार मिलना चाहिए। यदि किसी मरीज या उसके परिजनों की ओर से यह शिकायत आती है कि इलाज में लापरवाही हुई या उन्हें बेवजह उच्च केंद्र रेफर किया गया, तो संबंधित चिकित्सक और अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

स्टाफ और एंबुलेंस सेवाओं की विस्तार

बैठक के दौरान मंडल के सभी जनपदों में जेई/एईएस के वर्तमान मामलों, अस्पतालों में उपलब्ध बेड, दवाइयों, ऑक्सीजन, जांच सुविधाओं, प्रशिक्षित चिकित्सकीय स्टाफ और एंबुलेंस सेवाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में संसाधनों की कोई कमी नहीं होनी चाहिए, ताकि गंभीर मरीजों को समय पर इलाज मिल सके और अनावश्यक रेफरल रोका जा सके।

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टीकाकरण और जनजागरूकता

उन्होंने जेई/एईएस की रोकथाम पर भी विशेष जोर दिया। मंडलायुक्त ने कहा कि केवल स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि पंचायती राज, नगर निकाय, शिक्षा, ग्रामीण विकास सहित सभी विभागों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। स्वच्छता अभियान, जल निकासी, फॉगिंग, टीकाकरण और जनजागरूकता कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाया जाए। गांव-गांव और शहरी इलाकों में लोगों को बीमारी के लक्षण, बचाव के उपाय और समय पर इलाज के महत्व के बारे में जागरूक किया जाए।

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मंडलायुक्त ने सीडीओ और सीएमओ को नियमित फील्ड निरीक्षण के निर्देश देते हुए कहा कि केवल कागजी रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर व्यवस्थाएं मजबूत दिखनी चाहिए। बैठक के अंत में उन्होंने कहा कि यदि सभी अधिकारी और कर्मचारी पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी से कार्य करें, तो जेई/एईएस से होने वाली जनहानि को काफी हद तक रोका जा सकता है।

Location : 
  • गोरखपुर

Published : 
  • 16 December 2025, 9:10 PM IST