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पुलिस को ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के अंतर्गत एक बड़ी और महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है। वर्ष 2019 में थाना गोरखनाथ पर पंजीकृत दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट से जुड़े गंभीर मामले में माननीय न्यायालय ने अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए कड़ी सजा सुनाई है।
गोरखपुर कोर्ट
Gorakhpur: जनपद गोरखपुर पुलिस को ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के अंतर्गत एक बड़ी और महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है। वर्ष 2019 में थाना गोरखनाथ पर पंजीकृत दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट से जुड़े गंभीर मामले में माननीय न्यायालय ने अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए कड़ी सजा सुनाई है। यह फैसला अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है।
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित ऑपरेशन कनविक्शन के क्रम में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर के निर्देशन में थाना स्तर पर पैरोकार तथा मॉनिटरिंग सेल द्वारा प्रभावी व सतत पैरवी की गई। इसी का परिणाम रहा कि माननीय ASJ/POCSO-2 न्यायालय, गोरखपुर द्वारा मु0अ0सं0 450/2019, धारा 367, 377, 504, 506 भादवि एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट में न्यायिक निर्णय सुनाया गया।
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न्यायालय ने अभियुक्त लक्ष्मण प्रजापति पुत्र भगवान दास, निवासी रामपुर गोपालपुर टोला अजायब, थाना गुलरिहा, जनपद गोरखपुर को गंभीर अपराधों में दोषी पाते हुए 12 वर्ष का कठोर कारावास एवं 32,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं, दूसरे अभियुक्त रामचन्द्र प्रजापति पुत्र भगवान दास, निवासी उपरोक्त, को धारा 504 भादवि के अंतर्गत दोषी ठहराते हुए 01 वर्ष का साधारण कारावास एवं 1,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
यह मामला न केवल कानून व्यवस्था की दृष्टि से बल्कि सामाजिक सरोकारों के लिहाज से भी अत्यंत संवेदनशील था। गोरखपुर पुलिस द्वारा लगातार की गई निगरानी, साक्ष्यों का सुदृढ़ संकलन और न्यायालय में प्रभावी प्रस्तुतिकरण ने यह साबित कर दिया कि गंभीर अपराधों में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
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इस महत्वपूर्ण दोषसिद्धि में विशेष लोक अभियोजक (SPP) श्री राम मिलन सिंह की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही, जिनकी सशक्त और तथ्यपरक पैरवी ने न्यायालय को दोषसिद्धि तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया।
गोरखपुर पुलिस का यह प्रयास यह स्पष्ट करता है कि अपराध चाहे कितना भी पुराना क्यों न हो, यदि पैरवी मजबूत हो तो अपराधियों को सजा दिलाई जा सकती है। यह फैसला समाज में कानून के प्रति विश्वास को और मजबूत करता है तथा अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है कि कानून के शिकंजे से बच पाना संभव नहीं है।