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कोल्हुई में पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त कार्रवाई में 100 बोरी सब्सिडी वाला इफ्को उर्वरक बरामद होने के बाद बड़ा तस्करी नेटवर्क उजागर हुआ। यह उर्वरक नेपाल भेजने की तैयारी में था। जांच में प्रधान पति जमाल अहमद समेत चार लोगों की संलिप्तता मिली।
100 बोरी सब्सिडी वाली इफ्को उर्वरक बरामद
Maharajganj: महराजगंज के कोल्हुई थाना क्षेत्र में पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ईंट भट्ठे से करीब 100 बोरी सब्सिडी वाली इफ्को उर्वरक बरामद की थी। यह उर्वरक नेपाल तस्करी के लिए रखी गई थी। मामले में ग्राम प्रधान पति सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विगत मंगलवार रात जोगियाबारी के पास एक ईंट भट्ठे पर खड़ी डीसीएम गाड़ी से भारी मात्रा में इफ्को ब्रांड की उर्वरक भरी बोरी बरामद हुईं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने वाहन चालक शेषमन पुत्र मुस्तफा निवासी नौनिया (थाना सोनौली) को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक पूछताछ में चालक ने खुलासा किया कि यह उर्वरक नेपाल भेजने की योजना थी और इसमें ग्राम प्रधान पति जमाल अहमद (बटाइडिहा) समेत तीन अन्य लोग शामिल हैं।
वहीं बताया जा रहा है कि शनिवार को कृषि विभाग की तहरीर पर कोल्हुई थाने में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जिमें जमाल अहमद (ग्राम प्रधान पति, बटाइडिहा), नियाज अहमद (बटाइडिहा), अफसर अली (नौतनवा) और शेषमन (डीसीएम चालक, नौनिया) का नाम शामिल है।
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जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बरामद उर्वरक पर “प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना” का लोगो अंकित है। यह उर्वरक केवल सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराया जाता है। इतनी बड़ी मात्रा का दुरुपयोग राजस्व को भारी क्षति पहुंचाता है।
स्थानीय लोगों में चर्चा है कि यह गिरोह सिर्फ उर्वरक ही नहीं, बल्कि चावल, ब्रान, अवैध शराब, काली मिर्च और छोहारा आदि की भी बड़े पैमाने पर तस्करी करता है। कभी नेपाल से भारत तो कभी भारत से नेपाल सामान पहुंचाया जाता है। ग्राम प्रधान पति की राजनीतिक पहुंच के कारण अब तक ये लोग कार्रवाई से बचते रहे हैं। पहले भी तहसीलदार नौतनवा की गाड़ी तोड़ने और हाथापाई के मामले में इनका नाम सामने आ चुका है।
थानाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने बताया कि उर्वरक की उठान कहां से हुई, इसकी गहन जांच चल रही है। जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बॉर्डर क्षेत्र में तस्करी की यह घटना एक बार फिर प्रशासन की चुनौती बन गई है।