भक्ति में डूबा महराजगंज: कार्तिक पूर्णिमा पर राप्ती तट पर उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़

महराजगंज में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व श्रद्धा और आस्था के रंग में रंगा दिखा। राप्ती नदी के तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान, पूजा और दान किया। धानी बाजार में भव्य मेला और पारंपरिक दंगल का आयोजन हुआ। जिसमें आसपास के जिलों के पहलवानों ने दमखम दिखाया।

Maharajganj: आस्था, श्रद्धा और भक्ति के महासंगम का प्रतीक कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बुधवार को जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जनपद के विभिन्न घाटों पर लाखों श्रद्धालु स्नान, पूजन और दान के लिए उमड़ पड़े। सबसे अधिक भीड़ धानी बाजार के समीप राप्ती नदी के तट पर देखने को मिली। जहां दूर-दराज़ के गांवों से लोग भोर होने से पहले ही पहुंचने लगे थे।

रात करीब दो बजे से ही श्रद्धालुओं का सैलाब घाट की ओर बढ़ने लगा। ठंडी हवाओं और धुंध के बीच महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी पवित्र राप्ती नदी में डुबकी लगाने पहुंचे। सुबह होते-होते तट “हर हर गंगे” और “जय कार्तिकेय भगवान” के जयकारों से गूंज उठा।

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स्नान, पूजा और तुलसी वंदना

भक्तों ने राप्ती में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया और भगवान विष्णु तथा भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद तुलसी पूजन कर अपने परिवार की सुख-शांति, समृद्धि और निरोग जीवन की कामना की। कई श्रद्धालु दीपदान करते हुए घाट किनारे प्रदीप प्रवाहित करते नजर आए, जिससे राप्ती का जल सुनहरी आभा से जगमगा उठा।

भव्य मेला और पारंपरिक दंगल आकर्षण का केंद्र

इस पावन अवसर पर धानी बाजार राप्ती तट पर विशाल मेला और पारंपरिक विराट दंगल का आयोजन किया गया। मेले में झूले, खिलौने, मिठाइयाँ और ग्रामीण हस्तशिल्प के स्टॉल सजे थे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की जबरदस्त भीड़ रही।

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दंगल में आस-पास के जिलों गोरखपुर, देवरिया, बस्ती और कुशीनगर से आए नामी पहलवानों ने दमखम दिखाया। करीब दो दर्जन जोड़ी कुश्तियाँ हुईं, जिनमें ₹1000 से लेकर ₹5100 तक के इनाम रखे गए थे। महिला और पुरुष दोनों वर्गों के पहलवानों ने अपने कौशल और शक्ति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शक “जय बजरंगबली” और “हाथी घोड़ा पालकी जय श्री राम” के नारों से गूंजते रहे।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

पर्व के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। एसडीएम निचलौल, सीओ धानी बाजार के नेतृत्व में पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम लगातार गश्त करती रही। घाटों पर गोताखोरों की तैनाती की गई, वहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए पार्किंग की अलग व्यवस्था की गई थी।

दान और सेवा का पर्व

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के साथ-साथ दान और सेवा का भी विशेष महत्व माना जाता है। श्रद्धालुओं ने जरूरतमंदों को कंबल, फल और अन्न का दान किया। कई सामाजिक संस्थाओं ने भोजन वितरण, चिकित्सा शिविर और निशुल्क जलसेवा की व्यवस्था की।

पौराणिक मान्यता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ था तथा भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार धारण किया था। इसीलिए इस दिन का स्नान और दान अत्यंत शुभ माना जाता है।

भक्ति में डूबा महराजगंज

पूरे महराजगंज जिले में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व भक्ति, उमंग और आस्था के माहौल में बीता। राप्ती नदी के किनारे दीपों की लौ और घंटियों की गूंज ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। शाम को आरती के साथ जब हजारों दीप प्रवाहित हुए, तो दृश्य मानो एक दिव्य उत्सव में बदल गया।

Location : 
  • Maharajganj

Published : 
  • 5 November 2025, 3:12 PM IST