

जालौन थाना कोतवाली उरई अंतर्गत ग्राम अजनारी के निवासी ने भैंस चोरी के बार-बार लग रहे झूठे आरोपों से तंग आकर पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच और न्याय की गुहार लगाई है।
भैंस चोरी के आरोपों से परेशान ग्रामीण,
जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन थाना कोतवाली उरई अंतर्गत ग्राम अजनारी के निवासी यासीन पुत्र सराफत ने भैंस चोरी के बार-बार लग रहे झूठे आरोपों से तंग आकर पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच और न्याय की गुहार लगाई है। यासीन, जो अपने दो पुत्रों आरिफ और शस्लीम के साथ मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता है, ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि उनके खिलाफ पिछले कई वर्षों से भैंस चोरी के झूठे इल्जाम लगाए जा रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, यासीन ने बताया कि पांच साल पहले ग्राम नारी के ज्ञान सिंह पाल ने उनकी भैंस चोरी का आरोप लगाया था, लेकिन वह भैंस किसान नगर बाजार में किसी और के पास मिली थी। इसके बाद नारायण कुशवाहा की भैंस चोरी के मामले में भी यासीन पर इल्जाम लगा, लेकिन जांच में पता चला कि नारायण का बेटा अनिल ही चोर था। तीसरी बार बाबू सिंह कुशवाहा और बड़े लाल ने भी यासीन पर भैंस चोरी का आरोप लगाया, लेकिन वह भैंस 15 दिन बाद मऊ में किसी और के पास मिली। चौथी बार नसिंह कुशवाहा की पत्नी राठावाली ने भी यासीन के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन उनकी भैंस चार दिन बाद सनातन स्कूल के पास मिल गई।
भैंस चोरी का आरोप लगाते हुए धमकी
ताजा मामले में 23 जून 2025 की रात करीब 2 बजे रविन्द्र उर्फ पुरखे पुत्र धनीराम प्रजापति यासीन के घर पहुंचा और उसकी भैंस चोरी का आरोप लगाते हुए धमकी दी कि अगर भैंस नहीं मिली तो वह यासीन और उनके दोनों बेटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा, भले ही इसके लिए उसे दो लाख रुपये खर्च करने पड़ें। रविन्द्र ने यासीन और उनके बेटों को जेल भेजने की भी धमकी दी। यासीन ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि उनके प्रार्थना पत्र पर निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें और उनके परिवार को इंसाफ मिल सके। इस मामले में पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।