

थाना कमालगंज अंतर्गत ग्राम भोला नगला की एक महिला ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और संवेदनहीनता के आरोप लगाए हैं।महिला के पैर से खून बह रहा था, और उनकी वृद्ध सास का भी किया ये हाल
फर्रुखाबाद में पुलिस पर आरोप
फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद के थाना कमालगंज अंतर्गत ग्राम भोला नगला की एक महिला ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और संवेदनहीनता के आरोप लगाए हैं। पीड़िता सीमा पत्नी आकाश का कहना है कि दिनांक 24 जून 2025 को शाम लगभग 5 बजे, गांव के ही कुछ दबंगों ने उनके घर में घुसकर बेलचे और लाठी-डंडों से हमला किया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गईं। महिला के पैर से खून बह रहा था, और उनकी वृद्ध सास को भी धक्का देकर गिरा दिया गया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, घायल अवस्था में महिला जब थाना कमालगंज पहुंची, तो FIR दर्ज करने के बजाय उसे चार घंटे तक थाने में बैठाकर रखा गया। आरोप है कि पुलिस द्वारा दो बार तहरीर बदलवाई गई और बार-बार कहा गया
"पहले सही तहरीर लिखवा कर लाओ, फिर मेडिकल भेजेंगे"
पीड़िता का कहना है कि दरोगा जी ने उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया और मेडिकल में देरी की। अंततः रात 9 बजे जाकर महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कमालगंज भेजा गया, तब तक पैर से लगातार खून बहता रहा। मीडिया से बात करते हुए ससुर ने बताया कि वह खुद थाने में था, मेरी बहू को 5 बजे से लेकर 9 बजे तक बैठाया गया। ऐसे में दरोगा बार-बार कहते रहे की अभी बैठ जाओ पहले पता करेंगे सच्चाई क्या है। पीड़िता ने मीडिया को दो अलग-अलग तहरीरें भी दिखाईं, जिनमें से पहली में 5 आरोपियों के नाम, घर में घुसकर हमला, बेलचे से वार और धमकी का उल्लेख था, जबकि दूसरी तहरीर को सिर्फ लाठी-डंडों की मारपीट तक सीमित कर दिया गया।
पीड़िता से दो-दो बार तहरीर
जहां एक ओर सरकार महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं और होर्डिंग्स में करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर महिलाओं को इंसाफ़ के लिए अपमान, इंतज़ार और मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है।यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था, बल्कि शासन की नीयत पर भी सवाल खड़ा करता है। अगर पुलिस ही पीड़िता से दो-दो बार तहरीर बदलवाने लगे, और खून बहने के बावजूद उसे घंटों बैठा दे, तो आम जनता कहां जाए?
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