UP News: आकाशीय बिजली गिरने से 12 बकरियों की मौत, पशुपालक की आंखों के सामने उजड़ गया आशियाना

भदोही जिले से मंगलवार को कुदरत का कहर बनकर टूटी एक दर्दनाक खबर सामने आई है। गांव में अचानक मौसम बदला और हल्की बारिश के बीच आसमान से गिरी आकाशीय बिजली से हड़कंप मच गया।

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 25 June 2025, 1:34 PM IST
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भदोही:  उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से मंगलवार को कुदरत का कहर बनकर टूटी एक दर्दनाक खबर सामने आई है। सुरियावां कोतवाली क्षेत्र के कौड़र गांव में अचानक मौसम बदला और हल्की बारिश के बीच आसमान से गिरी आकाशीय बिजली ने एक गरीब पशुपालक की दुनिया उजाड़ दी। इस हादसे में उसकी 12 बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बकरी गंभीर रूप से घायल हो गई है। गनीमत यह रही कि पशुपालक की जान बच गई, वरना हादसा और भी बड़ा हो सकता था।

डाइनामाइट न्यूज  संवाददाता के मुताबिक,  मलेपुर गांव निवासी 55 वर्षीय पशुपालक सीताराम पाल रोज की तरह मंगलवार सुबह करीब 10 बजे अपनी 21 बकरियों को चराने के लिए पास के गांव कौड़र स्थित एक बगीचे में गए थे। दोपहर होते-होते मौसम ने करवट ली, और काले बादल छाने लगे। रुक-रुककर गरज के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। इसी दौरान बकरियों का झुंड एक महुए के पेड़ के नीचे चला गया और सीताराम भी उसी ओर बढ़े। तभी तेज आवाज और रोशनी के साथ आसमानी बिजली उसी पेड़ पर गिर गई। भयभीत सीताराम तुरंत पीछे हटे और किसी तरह अपनी जान बचाई।

12 बकरियां मौके पर ही दम तोड़ी

आकाशीय चिर्री की तेज आवाज थमते ही उन्होंने देखा कि 12 बकरियां मौके पर ही दम तोड़ चुकी थीं और कुछ बकरियां डर के मारे इधर-उधर भाग गई थीं। सीताराम जब पेड़ के नीचे पहुंचे तो दिल दहला देने वाला दृश्य था। 12 बकरियां मृत थीं और एक घायल पड़ी थी। यह दृश्य देख सीताराम फफक कर रो पड़े। यह बकरियां ही उनकी आजीविका का आधार थीं, जिनके सहारे वह अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे।

भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा

हादसे की सूचना मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। लोगों का कहना है कि मानसून की शुरुआत में इस तरह की घटनाएं आम हैं, इसलिए मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

इस हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में आकाशीय बिजली के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता को रेखांकित कर दिया है। वहीं, सीताराम पाल की आंखों के सामने उनकी वर्षों की मेहनत चंद सेकंड में राख हो गई। अब उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस विपत्ति में सहायता का हाथ बढ़ाएगा और उन्हें मुआवजा दिलवाया जाएगा, जिससे वे दोबारा अपनी आजीविका की गाड़ी आगे बढ़ा सकें।

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