

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सिविल डिफेंस व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रतिकात्मक तस्वीर
जालौन: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सिविल डिफेंस व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब तक केवल 15 जनपदों में संचालित इस व्यवस्था को शेष 60 जनपदों में भी लागू किया जाएगा, जिसमें जालौन जनपद भी शामिल है। इस निर्णय के लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत सिविल डिफेंस की स्थापना की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जालौन जनपद में सिविल डिफेंस व्यवस्था के संचालन और समन्वय की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपी गई है, जिन्हें कमांडेंट, नियंत्रक नियुक्त किया गया है। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी और अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को निर्देश दिए हैं कि सिविल डिफेंस इकाई की स्थापना के लिए जल्द से जल्द उपयुक्त भूमि का चयन किया जाए और आवश्यक कार्रवाइयां सुनिश्चित की जाएं। इस व्यवस्था के लागू होने से न केवल आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।
इन जिलों में स्थापित की जाएंगी इकाइयां
गौरतलब है कि बीते 7 मई को देशव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास में सिविल डिफेंस इकाइयों ने अपनी दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि, उस समय जालौन जनपद में यह व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। अब मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जालौन के साथ-साथ अंबेडकर नगर, अमेठी, औरैया, बलिया, जौनपुर, हाथरस, लखीमपुर खीरी, महोबा, सोनभद्र और सिद्धार्थनगर सहित अन्य जनपदों में भी सिविल डिफेंस की इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
क्या है सिविल डिफेंस का उद्देश्य
सिविल डिफेंस व्यवस्था का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, जैसे बाढ़, भूकंप या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके तहत प्रशिक्षित स्वयंसेवक आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह व्यवस्था न केवल नागरिकों की जान-माल की रक्षा करती है, बल्कि सामुदायिक स्तर पर जागरूकता और तैयारियों को भी बढ़ावा देती है।
बता दें कि सिविल डिफेंस की स्थापना से न केवल आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी, बल्कि युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे, जो सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देगा।